ऋषिकेश- एम्स ने किया डेंगू की रोकथाम को लेकर सेवन प्लस नामक पुस्तक का प्रकाशन किया।

त्रिवेणी न्यूज 24 ऋषिकेश – अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सोशियल आउटरीच सेल की ओर से डेंगू की रोकथाम को लेकर कम्युनिटी में किए गए कार्यों पर आधारित सेवन प्लस नामक पुस्तक का प्रकाशन किया गया है । इस पुस्तक में डेंगू से मुक्ति के लिए दिए गए सुझावों से आमजन स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभ ले सकते हैं। बुधवार को संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में पुस्तक का लोकार्पण करते हुए एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने सेवन प्लस पुस्तक के लेखक डा. संतोष कुमार के द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यों पर तैयार किए गए उनके इस अभिनव प्रयास की सराहना की। इस मौके पर उन्होंने संस्थान के द्वारा डेंगू की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे सेवन प्लस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए की गई लगन व कड़ी मेहनत के लिए आउटरीच सेल की संपूर्ण टीम के प्रयासों को भी सराहा। उन्होंने कहा कि रोगों के फैलने व महामारी का स्वरूप धारण करने से पूर्व ही इस तरह के काम को सार्वजनिक स्वास्थ्य की चिंता करते हुए सामुदायिक स्तर पर करने का प्रयास किया जाना चाहिए ।

सामुदायिक एवं परिवार चिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि यह पुस्तक डेंगू के विभिन्न पहलुओं पर एक पूर्ण और व्यापक दस्तावेज है । उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि डेंगू और अन्य मच्छरजनित बीमारियां एक सामाजिक समस्या हैं।
डेंगू बीमारी पर आधारित उक्त सेवन प्लस नाम की पुस्तक समुदाय के सदस्यों की इससे निपटने को आमजन की भूमिका व बहुतायत जनसहभागिता पर जोर देती है, जिसमें हमारे गांवों के आम नागरिकों से लेकर ग्राम प्रधान, पंचायत सदस्य, स्वयंसेवक, आध्यात्मिक व राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोग, आशा कार्यकत्री, एएनएम, शिक्षण संस्थानों में कार्यरत ​प्राध्यापक व विद्यार्थी शामिल हैं। डेंगू जैसी वेक्टर जनित बीमारी की रोकथाम के लिए स्वच्छता का वातावरण, स्वच्छता को लेकर हमारे आचार व्यवहार और दृष्टिकोण में बदलाव की आवश्यकता है। यह रोल मॉडल स्थानीय आबादी का हिस्सा है, जो कि स्वास्थ्य कर्मियों की तुलना में समुदाय पर बहुत अधिक प्रभाव डालते हैं। उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर पर लोगों को ऐसे रोगों से बचाव के लिए जागरुकता के साथ आगे आने के लिए प्रेरित करने और एक अभिनव सामुहिक पहल लोगों को मच्छर जनित रोगों से बचाव का मूल मंत्र है। प्रकाशित पुस्तक प्रजनन स्थल, बुखार के मामलों और प्रभावी गहन जागरुकता आधारित कार्यक्रम की सक्रिय निगरानी की अवधारणा पर आधारित है। उन्होंने बताया कि एम्स की ओर से संचालित सात प्लस कार्यक्रम की अवधारणा सात दिनों में विकसित होने वाले डेंगू मच्छर के प्रजनन स्रोतों से लार्वा जीवन चक्र को समाप्त करने पर आधारित है। लिहाजा यह पुस्तक उन विभिन्न उपायों का अपने आप में एक संपूर्ण दस्तावेज है जो, एम्स संस्थान की सोशियल आउटरीच टीम ने समुदाय के व्यक्तियों की सक्रिय भागीदारी के साथ हासिल किए और देश के विभिन्न हिस्सों में महामारी के अनुपात में पहुंचने से पहले डेंगू से निपटने के लिए यह कितना प्रभावी मॉडल हो सकता है।

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