ऋषिकेश-जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से नमामि गंगे प्रोजेक्ट के कार्यो की समीक्षा की।

ऋषिकेश।वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई जिला गंगा सुरक्षा समिति की पाक्षिक चौंतीस वीं बैठक में जिलाधिकारी डॉ आशीष श्रीवास्तव ने नमामि गंगे कार्यों की समीक्षा करते हुए 26 एमएलडी एसटीपी योजना से जुड़े रम्भा नदी सीवरेज कार्यों की धीमी गति पर नाराजगी जताते हुए अनुरक्षण एवं निर्माण इकाई (गंगा)के परियोजना प्रबन्धक एके चतुर्वेदी से पूछा कि योजना आखिर कब तक पूरी होगी?साथ ही सम्बन्धित पेयजल निगम के अधिकारी को कार्यों की धीमी गति पर फटकार लगाते हुए सम्बंधित कार्यदायी ठेकेदार के प्रति कार्यवाही के निर्देश देते हुए अगली बैठक में कार्य प्रगति रिपोर्ट देने को कहा।जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य पर्यावरणविद विनोद जुगलान ने समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी के समक्ष पिछली बैठक के कार्यवृत्त का जिक्र करते हुए बैठक में लम्बित बिन्दु का जिक्र करते हुए बताया कि देवभूमि की तीर्थ नगरी ऋषिकेश में पौराणिक रम्भा एवं सरस्वती नदियों को नमामि गंगे योजना में नाला कहकर संबोधित किया गया है जिस पर न केवल उन्हें आपत्ति है बल्कि इससे गंगा और पौराणिक नदियों के प्रति आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं की आस्था पर चोट पहुंचती है।इसका निस्तारण किया जाना चाहिए।समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी देहरादून ने उपजिलाधिकारी ऋषिकेश वरुण चौधरी को निर्देशित कर 1938 से पहले के भूअभिलेखों में उक्त नदियों नामों की जांचकर अगले मंगलवार तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए।साथ ही नगर निगम ऋषिकेश के नगर आयुक्त को दिव्यांगों की सुविधार्थ त्रिवेणी घाट पर रैम्प बनवाने के निर्देश दिए ताकि दिव्यांग श्रद्धालुओं को सरलता से गंगा दर्शन और आचमन का लाभ मिल सके।इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने सम्बन्धित विभागों से बिंदुवार कार्यो की प्रगति की रिपोर्ट ली।बैठक में अठूर भागीरथी स्वयं सहायता समूह द्वारा संरक्षित स्मृतिवन ऋषिकेश में दो अलग- अलग महिला-पुरुष शौचालयों के निर्माण कराने से सम्बंधित स्थिति की प्रगति रिपोर्ट नगर निगम द्वारा अगली बैठक में प्रस्तुत करने को कहा।बैठक में लक्कड़ घाट स्थित 26 एमएलडी एसटीपी के समीप लगभग 20 एकड़ भूमि पर खाली पड़े ऑक्सीडाइजिंग पोंड्स का पर्यावरण संरक्षण एवं पर्यटन स्थल के रूप में किस प्रकार प्रयोग किया जा सकता है?इस पर सम्बन्धित अधिकारियों को अगली बैठक तक प्रस्तावित कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए।समिति की त्रैमासिक समाचार पत्रिका के राजभाषा हिन्दी में संपादन करने को कहा।देहरादून के अधिकारियों ने एनआईसी देहरादून से और ऋषिकेश के अधिकारियों सहित नामित सदस्यों ने ऋषिकेश तहसील से प्रतिभाग किया।बैठक में जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल,प्रभागीय वनाधिकारी राजीव धीमान,मुख्य नगर आयुक्त ऋषिकेश नरेन्द्र सिंह क्वीरियाल, उपजिलाधिकारी ऋषिकेश वरुण चौधरी,अधिशाषी अभियंता सिंचाई विभाग डीके सिंह,अधिशाषी अभियंता पेयजल संस्थान दीपक मलिक , अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग विपुल सैनी,जल संस्थान के उपखण्ड अधिकारी हरीश बंशल,एसडीओ सिंचाई विभाग अनुभव नौटियाल,उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी आरएस चौहान,स्वजल देहरादून से कृष्ण बल्लभ थपलियाल, जिला गंगा सुरक्षा समिति त्रैमासिक समाचार पत्रिका के संपादक मण्डल सदस्य पर्यावरणविद विनोद जुगलान आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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