ऋषिकेश- छायावादी युग के कवि हरिवंश राय बच्चन की साहित्य साधना को नमन

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश – परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने छायावादी युग के कवि हरिवंश राय बच्चन के जन्मदिवस पर उन्हें याद किया । उन्होंने कहा कि डॉ. हरिवंश राय बच्चन आजीवन हिन्दी साहित्य को समृद्ध करते रहे आज उनके जन्मदिवस पर उनकी साहित्य साधना को हम सभी नमन करते हैं ।

डॉ. हरिवंश राय बच्चन अपनी कालजयी कृति ’मधुशाला’ और अन्य सभी रचनाओं के माध्यम से हमेशा जीवंत बने रहेंगे। भारतीय साहित्य की प्राचीन काल से ही समृद्धशाली परम्परा रही है। महर्षि वेदव्यास, महर्षि वाल्मीकि, महाकवि कालिदास, महाकवि तुलसीदास, कवि कंबन, कवि जायसी, कवि अमीर खुसरो आदि अनेक कवियों और शक्ति स्वरूपा लोपामुद्रा, गार्गी, मैत्रेयी, अपाला, ब्रह्मवादिनी, महादेवी आदि कवयित्रियों ने भारतीय साहित्य को जीवंत बना रखा है। साहित्य और संस्कृति किसी भी देश की आत्मा होती है। साहित्य और संस्कृति ही वह मूल सिद्धान्त है जिससे उस राष्ट्र और वहां के समाज के संस्कारों का बोध होता है । भारतीय साहित्य और संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है। भारतीय साहित्य की समृद्धशाली परम्परा ने दुनिया का मार्गदर्शन किया है। हमारे देश के साहित्यकारों और विचारकों ने ‘उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुंबकम’ जैसे सिद्धांत दुनिया को दिये हैं, जिसमें लोग आज भी गहरी आस्था रखते हैं ।

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