ऋषिकेश- अंतरराष्ट्रीय गढवाल महासभा ने किया कनुप्रिया को सम्मानित।

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश – तीर्थ नगरी ऋषिकेश स्थित रायवाला निवासी कनुप्रिया रावत को यूरोप के पोलैंड की प्रसिद्ध काजिमिज विल्कि यूनिवर्सिटी ने भारत से क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट में रिसर्च के लिए चुना है। उनकी इस उपलब्धि को सलाम करते हुए अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा द्वारा आज देहरादून रोड स्थित प्रदेश कार्यालय में सम्मानित किया l नवरात्र उत्सव के समापन मौके पर मिले सम्मान को पाकर कनुप्रियाा बेहद अभिभुत नजर आई।
शनिवार को महासभा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित सम्मान समारोह में अंतर्राष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष डॉ. राजे सिंह नेगी एवं समाजसेवी मधु असवाल द्वारा कनुप्रिया रावत को शॉल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर डॉ. राजे सिंह नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि रायवाला निवासी कनुप्रिया रावत को यूरोप के पोलैंड की प्रसिद्ध काजिमिज विल्कि यूनिवर्सिटी ने भारत से क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट में रिसर्च के लिए चुना है। वह भारत से चुनी गई इकलौती स्कॉलर हैं, जो वहां पर रिसर्च करेंगीं। कनुप्रिया की पढ़ाई का खर्चा भी यूनिवर्सिटी उठाएगी यूनिवर्सिटी ने कुल 5 रिसर्च स्कॉलर को चुना है जिनमें कनुप्रिया भी एक है। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट के तौर पर रिसर्च करने वाली और भारत से एकमात्र स्टूडेंट है, कनुप्रिया अगले माह पोलैंड के लिए रवाना होगी। उन्होंने वर्ष 2018 में देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार से एमएससी की थी। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने पीएचडी के लिए तैयारी की और चयनित हो गई।
कनुपिर्या ने बताया कि वह जुडो की खिलाड़ी भी रही है चारों भाई बहनों में सबसे बड़ी है और उनके छोटे भाई बहन उनको अपना रोल मॉडल मानते हैं। कनुप्रिया की छोटी बहन निधि रावत बॉलीबाल की नेशनल खिलाड़ी रही है और वर्तमान में वह योग शिक्षका के रूप में कार्य कर रही है।
भारत में रिसर्च ज्यादा नहीं होती है अभी कोरोना कॉल को देखें तो लोग मानसिक तौर पर काफी परेशान हैं और हो भी रहे हैं ऐसे में एक क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट भूमिका अहम हो जाती है उन्होंने कहा कि अपनी पढ़ाई पूरी कर वह वापस उत्तराखंड के दूरगामी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान करेंगी।
इस अवसर उत्तम सिंह असवाल, लोक गायक धूम सिंह रावत, खेल शिक्षक दिनेश पैन्यूली, अंजली वर्मा, मोनिका पंवार, मनोज नेगी, मनोज रौतेला, लष्मी प्रसाद रतूड़ी आदि मौजूद थे l