ऋषिकेश- अवधूत बाड़ा आश्रम के संत रामदेव पाठी पंचतत्व में विलीन

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश – शीशम झाड़ी स्थित गरीबदासीय अवधूत बाड़ा आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी रामदेव पाठी महाराज का 96 बर्ष की उम्र में निधन हो गया। श्री षडदर्शन साधु समाज के संतो महंतो एवं उनके भक्तों द्वारा उनकी इच्छा अनुसार आश्रम के समीप गंगा घाट पर अग्नि समाधि दी गई। गंगा तट पर हजारों भक्तों संतो की उपस्थिति में उनका शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। बता दें कि महाराज ने अपने जीते जी आश्रम के सामने गंगा तट पर अपना अग्नि समाधि देने की इच्छा जाहिर की थी। जिसका सम्मान करते हुए सभी भक्तों आश्रम वासियों महंतों ने उन्हें गंगा तट पर अग्नि समाधि दी। इससे पहले रामदेव पाठी को गाजे बाजे के साथ शीशम झाड़ी में लोगों के दर्शन के लिए एक यात्रा निकाली गई। जिसमें हजारों की संख्या में भजन कीर्तन एवं बैंड बाजा बजाते हुए लोग सड़कों से निकले रास्ते में जगह-जगह महाराज के पार्थिव शरीर पर फूलों की वर्षा की गई। अवधूत बाबा आश्रम के महंत महिमानंद ने बताया कि महाराज सभी भक्तों व शुभचिंतकों से बेहद प्रेम करते थे और सभी में अपनत्व का भाव रखते थे। विगत कई महीनों से बीमार थे उनकी दोनों किडनी खराब थी और वह डायलिसिस पर चल रहे थे। काफी इलाज के बावजूद कल उन्होंने शरीर छोड़ दिया। 10 जनवरी को उनका चादर विधि एवं षोडषी भंडारा किया जाएगा जिसमें हरिद्वार ऋषिकेश के सभी संत भाग लेंगे। इस अवसर पर हरिद्वार से आए आचार्य बालकृष्ण, देसी गौ रक्षा शाला के संस्थापक महामंडलेश्वर ईश्वर दास, प्रमोद कृष्णम, रवि शास्त्री, कर्नल प्रताप सिंह रौतेला, महंत विनय सारस्वत, दया राम दास, ब्रह्मचारी रामस्वरूप, नरेंद्र सिंह, डॉ. उपासना सिंह, राजेश दीवान, महंत महिमानंद, डॉ. नारायण दास, स्वामी चेतन स्वरूप, स्वामी रवि देव शास्त्री, आचार्य हरिहरानंद, महंत दिनेश शास्त्री, महंत विशेश्वर आनंद, महंत ज्ञानानंद शास्त्री, महंत कृष्णानंद, महंत हंसराज, महंत कपिल मुनि, महंत गौरव, ब्रह्म स्वरूप, कृष्णा दास, हरीश राणा, कैलाश, सर्वेन्द्र सिंह, मदनलाल, गोपाल नारंग सहित आदि मौजूद थे।