ऋषिकेश-हाईकमान के आदेश पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत दिल्ली रवाना

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार सुबह देहरादून से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।पहले उनका मंगलवार को दिल्ली जाना प्रस्तावित था। लेकिन इधर विश्वस्त सूत्रों के अनुसार इससे पहले ही उनके सुबह करीब 10.40 बजे दिल्ली के लिए उड़ान भरने का समाचार मिला है। इसके साथ ही आज और अगले कुछ दिन एक बार फिर उत्तराखंड की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं।

इधर बताया गया है कि उत्तराखंड में केंद्रीय पर्यवेक्षक बनकर आए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रविवार को ही अपनी रिपोर्ट भाजपा के केंद्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा को सोंप दी है। इसके बाद अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए मुख्यमंत्री दिल्ली पहुंच रहे हैं। यहां उनके केंद्रीय अध्यक्ष नड्डा के साथ ही अन्य शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात करने की संभावना है।
इस बार दिल्ली से लिखी गई थी उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन की कहानी –
उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के प्रयास नए नहीं हैं। राज्य बनने के बाद से शायद ही कोई मुख्यमंत्री हो जो इसका शिकार न हुआ हो। शायद इसीलिए पंडित नारायण दत्त तिवारी के अलावा राज्य के कोई भी मुख्यमंत्री अपने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। राज्य के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ ऐसी-ऐसी साजिशें भी हुईं कि पहले मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी से लेकर भुवन चंद्र खंडूड़ी, नारायण दत्त तिवारी, विजय बहुगुणा व पिछले मुख्यमंत्री हरीश रावत दुबारा विधानसभा नहीं पहुंच पाए।
राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ भी ऐसी साजिशें कई बार होती रही हैं, और इसे रावत की किस्मत कहें कि राजनीतिक कौशल, ऐसी साजिशें सफल नहीं हो पाई हैं। शनिवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी में चल रहे बजट सत्र के दौरान अप्रत्याशित तौर पर घटित घटनाक्रम का भी यही हश्र हो तो आश्चर्च न होगा। अब शनिवार के पीछे की कहानी की कड़ियां धीरे-धीरे सूत्रों के हवाले से खुलती नजर आ रही हैं। रावत के खिलाफ राज्य के भीतर पूर्व में कांग्रेस से आए कम से कम दो नेताओं के गुटों के साथ ही कुमाऊं के कुछ नए व पुराने विधायक तो पहले से ही लगे हुए हैं, वहीं दिल्ली से भी साजिशें होती रही हैं। पिछले दिनों दिल्ली में भाजपा के मीडिया प्रबंधन की कमान उत्तराखंड के ही नेता के पास होने के बावजूद राष्ट्रीय मीडिया में त्रिवेंद्र रावत को देश का सबसे फिसड्डी मुख्यमंत्री बताया गया। गौरतलब है कि शनिवार को भी उत्तराखंड में कोर कमेटी की बैठक में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को भेजे जाने की खबरें भी राष्ट्रीय मीडिया से ही पहले आईं। वहीं शाम को जब त्रिवेंद्र रावत के कोर कमेटी की बैठक से बाहर निकलने की खबरें आईं, उसी दौरान उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में मीडिया के एक वर्ग द्वारा प्रचारित किए जा रहे नेता के दिल्ली में भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में होने की सूचना भी मीडिया से छुपी न रह सकीं। यह भी संयोग नहीं हो सकता कि एक सप्ताह पूर्व ही गंभीर बीमारी से उबरने के बाद पार्टी के एक केंद्रीय नेता उत्तराखंड आए थे और हल्द्वानी में एक सप्ताह रुकने की बात कहने के बावजूद अचानक दिल्ली लौट गए थे।
इधर बताया गया है कि शनिवार को मुख्यमंत्री रावत के बारे में केंद्रीय हाइकमान के स्तर पर बड़ी शिकायतें और विधायकों के बड़े असंतोष की शिकायतें पहुंचीं हैं। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के संभावित फैसले को लेकर भी केंद्रीय हाइकमान को संशंकित किया गया है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने इस बारे में मुख्यमंत्री का पक्ष जाना। मुख्यमंत्री ने विधायकों के बड़े वर्ग से पर्यवेक्षकों की मुलाकात कराकर यह संदेश दिया कि विरोध करने वाले विधायकों की विरोध की वजहें क्या हैं, और उनके पीछे कौन बड़े नेता हैं। बताया जा रहा है कि इसके बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक काफी संतुष्ट हुए और इसके बाद ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत मीडिया के समक्ष आए और राज्य में नेतृत्व परिवर्तन और विधायकों की नाराजगी की खबरों का खंडन किया। वहीं यह बात भी दिलचस्प है कि पूर्व में भाजपा बीच कार्यकाल मुख्यमंत्रियों को बदलती रही है। किंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह के दौर के बाद भाजपा ने पिछले छह वर्षों में हार झेलने के बावजूद किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री नहीं बदला है। इससे यह संकेत लग रहा है कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाएं काफी क्षींण हैं। वैसे भी चुनाव के एक वर्ष ही शेष रहते और अलगे पखवाड़े 18 मार्च को सरकार के कार्यकाल के चार वर्ष का जश्न मनाने की तैयारी कर रही सरकार के मुखिया को पांच राज्यों में घोषित हो चुके चुनावों से ठीक पहले बदलकर भाजपा हाईकमान कोई रिस्क नहीं लेगा।
अलबत्ता इधर खबर यह भी है कि केंद्रीय पर्यवेक्षक डा. रमन सिंह व दुश्यंत गौतम उत्तराखंड से रिपोर्ट लेकर नई दिल्ली पहुंच चुके हैं, किंतु रविवार को प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा दिल्ली से बाहर हैं, इसलिए वह अभी केंद्रीय नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट नहीं दे पाए होंगे। आगे मंगलवार को मुख्यमंत्री रावत को नई दिल्ली तलब किए जाने की भी चर्चाएं हैं।

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