ऋषिकेश- उत्तराखंड में भी बदलेगा स्कूलों का ढांचा, क्लस्टर सिस्टम से 1520 स्कूल होंगे एकीकृत

त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून _ यूपी में प्राथमिक स्कूलों के मर्ज होने के बाद अब उत्तराखंड में भी दसवीं और बारहवीं के स्कूलों को नए सिरे से सजाने और संवारने की योजना बनाई गई है। शिक्षा विभाग का कहना है कि स्कूल बंद नहीं किए जा रहे, बल्कि उन्हें एक साथ जोड़कर आधुनिक बनाया जाएगा। इसे क्लस्टर सिस्टम का नाम दिया गया है। इस क्लस्टर योजना के तहत 1520 स्कूलों को चुनकर उन्हें 559 स्कूलों में मिलाने का खाका तैयार किया गया है। हालांकि विभाग का साफ कहना है कि यह कोई मर्जिंग नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आधुनिक सुविधाएं देने के मकसद से ऐसा किया जा रहा है। अब तक प्रदेश में करीब 2295 हाईस्कूल और इंटर कॉलेज हैं, जिनमें से 1520 स्कूलों को चिन्हित किया गया है, जहां बच्चों की संख्या कम है। इन स्कूलों के विद्यार्थियों को आस-पास के उन स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा, जहां पढ़ाई का स्तर अच्छा है और बच्चों की तादाद ज्यादा है। सरकार का कहना है कि इस योजना का मकसद सिर्फ बच्चों को अच्छी और गुणवत्ता वाली शिक्षा देना है। क्लस्टर स्कूलों में स्मार्ट क्लास, वर्चुअल क्लास, लैब, लाइब्रेरी, आर्ट क्राफ्ट रूम, कंप्यूटर लैब, खेल के मैदान, शौचालय जैसी सुविधाएं दी जाएंगी, ताकि बच्चों को किसी भी चीज की कमी महसूस न हो।योजना के मुताबिक 1520 स्कूलों को मिलाकर कुल 941 स्कूलों को एक साथ किया जाएगा। जिससे 559 नए क्लस्टर स्कूल बनाए जाएंगे। सरकार बार-बार यह दोहरा रही है कि स्कूल बंद नहीं किए जा रहे और न ही मर्ज किए जा रहे हैं, बल्कि सिर्फ बेहतर शिक्षा की दिशा में यह कदम उठाया गया।
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि अगर किसी स्कूल में एक भी छात्र पढ़ता है, तो उस स्कूल को हाथ नहीं लगाया जाएगा। सरकार सिर्फ 559 क्लस्टर स्कूल बना रही है। इसके साथ ही 225 पीएमश्री स्कूल भी अलग से तैयार किए जा रहे हैं, जहां पूरी आधुनिक सुविधाएं होंगी।इन क्लस्टर स्कूलों में छात्रावास भी बनाए जाएंगे और रोजाना स्कूल आने वाले बच्चों को सौ रुपये की मदद भी दी जाएगी, ताकि वे नियमित रूप से स्कूल आ सकें। सरकार चाहती है कि बच्चे प्राइवेट स्कूल की बजाय सरकारी स्कूलों में दाखिला लें, जहां उन्हें हर सुविधा मुफ्त में मिले।माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक मुकुल कुमार सती का कहना है कि प्रदेश में करीब 2250 हाईस्कूल और इंटर कॉलेज हैं, जिनमें से 1520 स्कूलों को जोड़कर 559 क्लस्टर स्कूल बनाए जा रहे हैं। बाकी बचे स्कूल खुद क्लस्टर स्कूल के तौर पर काम करेंगे, क्योंकि उनके आस-पास दूसरा स्कूल मौजूद नहीं है।सरकार की मंशा किसी स्कूल को बंद करने की नहीं है। बल्कि इन क्लस्टर स्कूलों को इस काबिल बनाना है कि वे आने वाले वक्त में शिक्षा के आदर्श केंद्र बन सकें। जहां हर बच्चा गर्व से कह सके कि वह एक सरकारी स्कूल में पढ़ रहा है।