शाहीन बाग में फंडिंग के पीछे पीएफआई का हाथ – प्रवर्तन निदेशालय

नयी दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में देशविरोधी ताकतें फंडिंग कर रही हैं। ईडी ने दावा किया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने शाहीन बाग की फंडिंग की है। ईडी ने दावा किया है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता पीएफआई अध्यक्ष के संपर्क में थे। जांच एजेंसी के अनुसार आप नेता संजय सिंह ने पीएफआई से संबंध रखने वाले एक नेता से मुलाकात की थी। जिसपर संजय सिंह ने सफाई दी है। आप नेता संजय सिंह ने पीएफआई से जुड़े मोहम्मद परवेज से मिलने पर सफाई दी है। उन्होंने कहा, ‘मैं हजारों लोगों से मिलता हूं। यदि ईडी या सीबीआई के पास मेरे खिलाफ कुछ है तो कार्रवाई करे।’ ईडी ने खुलासा किया है कि शाहीन बाग प्रदर्शन के पीछे पीएफआई नेता मोहम्मद परवेज का हाथ है। ईडी के अनुसार संजय लगातार परवेज के संपर्थ में थे। संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेताओं को देखिए क्या अनाप-शनाप बोल रहे हैं। गिरिराज सिंह ने आज भी बयान दिया है कि शाहीन बाग में आत्मघाती दस्ता तैयार हो रहा है। मैं पूछ रहा हूं कि क्या इस देश में ट्रंप की सरकार है। यदि शाहीन बाग में ऐसा हो रहा है तो उन्हें कौन कार्रवाई से रोक रहा है।

क्या है पीएफआई
पीएफआई का पूरा नाम है- पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया है। यह चरमपंथी इस्लामी संगठन है।
साल 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट के मुख्य संगठन के रूप में पीएफआई का गठन किया गया था। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। एनडीएफ के अलावा कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी, तमिलनाडु के मनिथा नीति पासराई, गोवा के सिटिजन्स फोरम, राजस्थान के कम्युनिटी सोशल एंड एजुकेशनल सोसाइटी, आंध्र प्रदेश के एसोसिएशन ऑफ सोशल जस्टिस समेत अन्य संगठनों के साथ मिलकर पीएफआई ने कई राज्यों में अपनी पैठ बना ली है। पीएफआई खुद को न्याय, आजादी और सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले नव-समाज के आंदोलन के रूप में बताता है। इस संगठन की कई अलग-अलग शाखाएं भी हैं। जैसे महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों/ युवाओं के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया। गठन के बाद से ही इस संगठन पर कई समाज विरोधी व देश विरोधी गतिविधियों के आरोप लगते रहे हैं।

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