ऋषिकेश- दो नेत्रहीनों की जिंदगी को रोशन कर गए सरदार मोहन सिंह
त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश _ गोविंद नगर निवासी सरदार मोहन सिंह जस्सल की आत्मा भले ही नश्वर शरीर छोड़कर गोलोक चली गई है। लेकिन उनके परिजनों द्वारा कराए गए नेत्रदान से दो नेत्रहीन व्यक्तियों की आंखों में उनके नेत्र आज भी जीवित हैं। 65 वर्षीय सरदार मोहन सिंह जस्सल का हृदय गति रुकने से आकस्मिक निधन हो गया। उनके निवास पर दुख प्रकट करने गए सरदार प्रितपाल सिंह (मोनू) ने उनके पुत्र सुरजीत सिंह को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया। सहमति मिलने पर नेत्रदान कार्यकर्ता व लायंस क्लब के देवभूमि चार्टर अध्यक्ष गोपाल नारंग को सूचित किया। नारंग की सूचना पर निर्मल आई हॉस्पिटल के दीपक रयाल ने तुरंत नेत्र चिकित्सक डॉक्टर हिमानी के साथ मकरेन्दु व राजेंद्र सिंह को भेजा। जहां नेत्रदान टीम ने दोनों कार्निया सुरक्षित प्राप्त कर लिए। दुख की घड़ी में अपना गम भूल कर नेत्रदान कराने के लिए परिवार का सरदार गोविंद सिंह, सरदार अमरीक सिंह, सरदार जयमल सिंह, प्रेम सिंह, सरदार गुरविंदर सिंह, सुरेंद्र सोनू डंग ने आभार जताया। नेत्रदान महादान हरिद्वार ऋषिकेश प्रमुख रामशरण चावला के अनुसार मिशन का 261 वां सफल प्रयास है जो अविरल चलता रहेगा।