ऋषिकेश- बद्रीनाथ के माणा गांव में पीएम मोदी ने किया 3400 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास

त्रिवेणी न्यूज 24
चमोली _ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीमा पर स्थित उत्तराखण्ड के माणा गांव में आयोजित कार्यक्रम में 3400 करोड़ रूपए से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। जिसमें माणा से माणा पास (एनएच – 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच 107बी) शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने माणा गांव के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किये गये स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि माताओं व बहनों ने बहुत अच्छा काम किया है। पैकेजिंग वगैरह में मन प्रसन्न हो गया। प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल का जिक्र करते हुए देशवासियों से आग्रह किया कि जहां भी जाएं एक संकल्प करें कि यात्रा पर जितना भी खर्च करते हैं उसका कम से कम 5 प्रतिशत वहां के स्थानीय उत्पाद खरीदने पर खर्च करें। इन सारे क्षेत्रों में इतनी रोजी रोटी मिल जायेगी, आप कल्पना भी नही कर सकते। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड काल में कोरोना की वैक्सीन पहाड़ों तक पहुंचाई गई। इसमें उत्तराखण्ड और हिमाचल में बेहतर काम किया गया। गरीब कल्याण योजना में उत्तराखण्ड के लाखों लोगों को लाभ मिला। डबल इंजन सरकार ने होम स्टे और स्किल डेवलपमेंट से युवाओं को जोड़ा है। पहाड़ी क्षेत्रों के युवाओं को एनसीसी से जोड़ रहे हैं। विकास कार्यों में तेजी आई है। पर्यटन का विस्तार हो रहा है। जल जीवन मिशन से गांवों तक नल से जल पहुंचाया जा रहा है। मल्टी मॉडल कनेक्टीवीटी प्रदान करने के लिये काम किया जा रहा है। सागरमाला, भारतमाला की तरह अब पर्वतमाला परियोजना पर काम होने जा रहा है। रोपवे पर बहुत बड़ा काम होने जा रहा है। बॉर्डर के गांवों में चहल पहल बढ़नी चाहिए विकास जीवन का उत्साह होना चाहिए। जो कभी गांव छोड़कर गये है, उनका वापस लौटने का मन करे, हमें ऐसे जिंदा गांव बनाने हैं। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा माणा को भारत के अन्तिम गांव की बजाय देश का पहला गांव कहे जाने पर मुहर लगाते हुए कहा कि अब तो मेरे लिये भी सीमाओं पर बसा हर गांव देश का पहला गांव ही है। पहले जिन इलाकों को देश के सीमाओं का अंत मानकर नजर अंदाज किया जाता था, हमने वहां से देश की समृद्धि का आरंभ मानकर शुरू किया। लोग माणा आएं यहां डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि माणा गांव से जुड़ी अपनी पुरानी स्मृति बताते हुए कहा कि आज से 25 वर्ष पहले जब वह उत्तराखण्ड में भाजपा के सामान्य कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते थे एक अनजाने जीवन के रूप में अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे तो उस समय उनके द्वारा माणा में उत्तराखण्ड भाजपा कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई थी, तो मेरे कार्यकर्ता नाराज भी हुए थे। इतने दूर इतनी मेहनत से जाना पड़ेगा। तब मेरे द्वारा कहा गया कि जिस दिन हमारे दिल में माणा गांव का महत्व पक्का हो जायेगा ना उस दिन उत्तराखण्ड की जनता के दिल में महत्व बन जायेगा। और उसी का परिणाम है, माणा गांव की मिट्टी की ताकत है आप सभी का आशीर्वाद है। माणा की धरती के आशीर्वाद से हमें दोबारा सेवा करने का मौका मिला है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज का दिन बाबा केदार और बाबा बद्री विशाल के दर्शन करके उनका आर्शीवाद प्राप्त करके जीवन धन्य हो गया है। यह पल पल मेरे लिये चिरंजीवी हो गये हैं। उन्होंने कहा कि बाबा के सानिध्य में बाबा के आदेश से, बाबा के कृपा से पिछले बार जब मैं आया था तो कुछ शब्द मेरे मुंह से निकले थे कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का है। मैं आप सभी को बताना चाहूंगा कि वह शब्द मेरे नहीं थे, वे शब्द बाबा के आशीर्वाद से मेरे मुख से निकले थे। आज मैं आप सभी के बीच इन नई परियोजनाओं के साथ फिर वही संकल्प दोहराने आया हू। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की देवभूमि, इस परिवर्तन का साक्षी बन रहे हैं। डबल इंजन की सरकार बनने से पहले एक सीजन में ज्यादा से ज्यादा 5 लाख श्रद्धालु आया करते थे अब इस सीजन में यह संख्या 45 लाख हो गई है। आस्था और आध्यात्मिकता के पुनर्निर्माण का एक और पक्ष है। पहाड़ के लोगों के ईज ऑफ लिविंग का, उनके रोजगार का, जब पहाड़ में रोड, रेल और रोपवे पहुंचते तो अपने साथ रोजगार लेकर आते हैं और पहाड़ का जीवन भी शानदार, जानदार और आसान बना देते हैं। अब तो हमारी सरकार ड्रोन का उपयोग सामान ढोने में भी करने की योजना पर काम कर रही है। इससे पहाड़ के लोगों को अपने फल और सब्जी बाजार तक पहुंचाने में सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमें प्रधानमंत्री जैसे महामुनि का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। जिनके विचारों से सम्पूर्ण विश्व लाभान्वित हो रहा है। साथ ही हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम उस महान यात्रा के सहयात्री हैं जिस यात्रा का गंतव्य भारत को पुनः विश्व गुरु बनाना है। प्रधानमंत्री एक तपस्वी की भांति किस प्रकार से नए भारत के निर्माण की अग्नि को सफलतापूर्वक प्रज्जवलित किये हुये हैं। उत्तराखंड की समस्त जनता की ओर से विश्वास दिलाता हूं कि इस महायज्ञ की सफलता के लिए जिस भी आहुति की आवश्यकता होगी उत्तराखंड उसके लिए सदैव तत्पर रहेगा। हम उत्तराखंड को ’’उत्कृष्ट उत्तराखंड’’ बनाने के ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री का यह कथन कि ‘‘21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा’’ हमें एक नए उत्साह और ऊर्जा से भर देता है। एक तरफ जहां यह हमें गर्व की अनुभूति कराता है वहीं दूसरी तरफ यह हमें हमारे कर्तव्यों का भी बोध कराता है। प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप हम राज्य के विकास और कल्याण के लिए पूरी निष्ठा के साथ कार्य करने हेतु संकल्पबद्ध हैं। हमने राज्य को वर्ष 2025 तक हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए ’’विकल्प रहित संकल्प’’ का मूलमंत्र अपनाया है। इस अवसर पर राज्यपाल ले0ज0 गुरमीत सिंह (से.नि.), कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत, सौरभ बहुगुणा, पूर्व मुख्यमंत्री व क्षेत्रीय सांसद तीरथ सिंह रावत, उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

शिलान्यास की गई परियोजनाओं का विवरण

3400 करोड़ रुपये से अधिक की रोपवे और सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास किया गया। जिनमें गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब दो नई रोपवे परियोजनाओं भी शामिल थी। केदारनाथ रोपवे लगभग 9.7 किलोमीटर लंबा होगा। यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 6-7 घंटे से कम होकर लगभग 30 मिनट का रह जाएगा। हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा। यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट तक सीमित कर देगा। यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है। इन दोनों रोपवे को लगभग 2430 करोड़ रुपये की संचयी लागत से विकसित किया जाएगा। यह परिवहन का एक पर्यावरण अनुकूल साधन होगा, जो आवागमन को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगा। इस अहम बुनियादी ढांचे का विकास धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी और साथ ही साथ रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।
कार्यक्रम के दौरान करीब 1000 करोड़ रुपये की सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया गया। दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं – माणा से माणा पास (एनएच – 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच107बी) तक – सीमावर्ती क्षेत्रों में हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करने की दिशा में एक और कदम साबित होंगी। कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के अलावा, ये परियोजनाएं रणनीतिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होंगी।

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