ऋषिकेश- उत्तराखंड में भी होगा यूपी की तर्ज पर मदरसों का सर्वे- पुष्कर सिंह धामी

त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूपी की तरह उत्तराखंड में भी मदरसों का सर्वे किया जाएगा। उत्तराखंड में भी मदरसों के कामकाज, गतिविधियों को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं। सीएम ने कहा कि इन शिकायतों को सरकार गंभीरता से ले रही है और इसी दृष्टि से राज्य के सभी मदरसों का सर्वे किया जा रहा है। मुख्यमंत्री में हाल में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष बने शादाब शम्स की मुहिम पर मुहर लगा दी है। शादाब शम्स ने कहा था कि उत्तराखंड में गैर पंजीकृत मदरसों की उत्तर प्रदेश की तर्ज पर पहले जांच कराएंगे और जो गलत गतिविधियों में संलिप्त पाए गए और जो पंजीकृत नहीं होना चाहते उनको बंद कराया जाएगा। शम्स ने कहा था कि मदरसों में भी विज्ञान और मैथ्स जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे ताकि इनको मुख्यधारा में लाया जा सके। अब मुख्यमंत्री धामी ने इस मुहिम को अपने समर्थन के जरिए नई ताकत दे दी है। दरअसल, वक्फ बोर्ड और उत्तराखंड मदरसा बोर्ड राज्य निकाय हैं और मदरसों को ये दो निकाय ही नियंत्रित करते हैं। यूपी सरकार की तर्ज पर हम उत्तराखंड में चल रहे मदरसों का एक सर्वे करेंगे जिसमें मदरसा बोर्ड या वक्फ बोर्ड के साथ-साथ मदरसे से संबद्ध लोग भी शामिल होंगे, जो दोनों सरकारी निकायों में से किसी के साथ पंजीकृत नहीं हैं। सर्वे का मकसद उत्तराखंड में चल रहे अपंजीकृत मदरसों का एक डेटाबेस तैयार करना है और यह पता लगाना है कि वे बोर्ड के साथ पंजीकृत क्यों नहीं हैं और क्या रजिस्टर्ड होना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रैक्टिस का उद्देश्य सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों की पहचान करना भी है, जिन्हें अपग्रेड करने की जरूरत है। इससे पहले धामी सरकार सरकार से सहायता प्राप्त मदरसों को राज्य शिक्षा बोर्ड से संबद्ध होने या फिर एक्शन झेलने को तैयार रहने की चेतावनी दे चुकी है। सीएम धामी के सख्त संदेश के बाद राज्य में मस्जिदों और मदरसों में गैरकानूनी गतिविधियों पर रोकथाम के लिए कैमरे भी लगाए जाएंगे। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड का अनुमान है कि राज्य में इस समय 522 पंजीकृत मदरसे (उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के साथ 519 और वक्फ बोर्ड के साथ 103) हैं, जबकि लगभग इतनी ही तादाद में मदरसे अपंजीकृत हैं।