ऋषिकेश- वट सावित्री पर सोमवती अमावस्या का बन रहा शुभ संयोग

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश _ सावित्री व्रत प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस साल 30 मई को वट सावित्री का व्रत है। वट सावित्री पर सोमवती अमावस्या का शुभ संयोग बन रहा है, इसलिए यह व्रतियों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो गया है। यह अमावस्या स्नान-दान और श्राद्ध का भी अमावस्या है। इसलिए यह तिथि न सिर्फ महिलाओं के लिए बल्कि पुरुषों के लिए भी विशेष है। व्रत में पूजा-पाठ, स्नान व दान आदि का अक्षय फल मिलता है।
वट सावित्री व्रत को कठिन व्रतों में से एक माना गया है। इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। मान्यता है कि वट सावित्री व्रत के दौरान विधि-विधान से पूजा करने से पूजा का फल पूरा मिलता है। वेदाचार्य पंडित रमेश चंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि अखंड सौभाग्य के लिए विवाहिता इस व्रत को विधि-विधान से करती हैं। वट वृक्ष का सनातन धर्म में काफी मान्यता है। वट वृक्ष धरती पर जीवन का प्रतीक है। पूजन सामग्री में सावित्री-सत्यवान की मूर्तियां, धूप, दीप, घी, बांस का पंखा, लाल कलावा, सुहाग का सामान, कच्चा सूत, बरगद का फल, जल भरने के लिए कलश और थाल में सजाने को अन्य सामग्री का क्या जाता है।
वट सावित्री व्रत मुहूर्त _
अमावस्या तिथि प्रारम्भ 29 मई 2022 को दिन के 02.54 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त 30 मई 2022 को संध्या 04.59 पर