ऋषिकेश- ऊर्जा निगमों के कर्मचारी मध्य रात्रि से हड़ताल पर

त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून – सोमवार रात्रि 12 बजे से तीनों निगमों के 3500 से अधिक बिजली कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल के दौरान ठेका कर्मचारियों के भरोसे विद्युत सप्लाई सिस्टम रहेगा।
सोमवार को पहले ऊर्जा सचिव सौजन्या और उसके बाद दूसरे दौर की मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू के साथ वार्ता विफल रही थी जिसके बाद कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने ले यमुना घाटी की पाँचों जल विद्युत परियोजनाओं को सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया है। उत्तराखंड सरकार को एक रूपए यूनिट की दर से बिजली आपूर्ति करने वाली UJVNL का उत्पादन थमने से अब सरकार सरकार को बाहर से महँगी 4-5 रूपए यूनिट बिजली ख़रीदनी पड़ रही है। ऊर्जा निगमों के हड़ताली कर्मियों का आरोप है कि सरकार उनकी माँगों को लेकर गंभीर नहीं है और 2017 से माँगों का निस्तारण नहीं हो रहा। जिन माँगों पर समझौते हो चुके सरकार उन पर भी अमल नहीं कर रही है। हड़ताल में स्थाई कर्मचारियों के साथ उपनल के अलावा दूसरे कर्मचारी भी शामिल हैं। उत्तराखंड इंजीनियर्स फैडरेशन ने भी आंदोलन को समर्थन दिया है। जबकि जनरल ओबीसी कर्मचारी भी समर्थन दे चुके हैं। ऊर्जा निगम के कार्मिक पिछले चार सालों से एसीपी की पुरानी व्यवस्था मांग रहे है।
उपनल के माध्यम से कार्योजित कार्मिकों के नियमितीकरण की मांग, समान कार्य हेतु समान वेतन को लेकर लगातार सरकार से वार्ता की गई। 22 दिसंबर 2017 को कार्मिकों संगठनों तथा सरकार के बीच द्विपक्षीय समझौता हुआ था।आज तक समझौते पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। ऊर्जा निगम कार्मिकों की मांग सातवें वेतन आयोग में पुरानी चली आ रही है।

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