ऋषिकेश- अब केवल राज्य के स्थायी निवासियों को मिलेगा होमस्टे योजना का लाभ

त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून _ उत्तराखंड सरकार ने होमस्टे योजना को अब केवल राज्य के स्थायी निवासियों तक सीमित करने की तैयारी शुरू कर दी है। पर्यटन विभाग का कहना है कि अन्य राज्यों के लोग इस योजना का दुरुपयोग कर व्यावसायिक गतिविधियाँ चला रहे हैं, जबकि इसका उद्देश्य स्थानीय परिवारों को सहयोग देना और उत्तराखंड की संस्कृति व खानपान को बढ़ावा देना था।
पर्यटन सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में होमस्टे ऑपरेटरों, टूर ऑपरेटरों, होटल एसोसिएशन और अधिकारियों के साथ बैठक हुई। गर्ब्याल ने बताया कि बाहरी लोग अपने घरों को होमस्टे के रूप में पंजीकृत कर लेते हैं, घरेलू बिजली कनेक्शन का इस्तेमाल करते हैं और खुद वहां रहने के बजाय स्टाफ रखकर इसे व्यावसायिक रूप दे देते हैं। यह योजना के मूल उद्देश्य के विपरीत है।
ऐसे ऑपरेटर अब बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना के तहत पंजीकरण करा सकेंगे, जो शहरी क्षेत्रों के लिए है और इसमें 1 से 6 कमरे की अनुमति दी जाती है। पर्यटन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि जो होमस्टे अभी तक पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें 60 दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना होगा, अन्यथा 1 लाख रुपये का जुर्माना और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गर्ब्याल ने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन एवं ट्रैवल बिजनेस पंजीकरण विनियम 2014 (संशोधित 2016) में बदलाव की प्रक्रिया जारी है। प्रमुख प्रस्तावों में होमस्टे को गैर-व्यावसायिक मानते हुए बिजली और पानी कर से छूट देना, पंजीकरण अवधि को पाँच वर्ष करना और निगरानी व्यवस्था को सख्त बनाना शामिल है। वर्तमान में राज्य में 5,000 से अधिक होमस्टे पंजीकृत हैं।
उन्होंने बताया कि हितधारकों से सुझाव ले लिए गए हैं और जल्द ही संशोधित प्रस्ताव कैबिनेट के सामने रखा जाएगा।