ऋषिकेश- उत्तराखंड पंचायत चुनाव में कांग्रेस से आगे भाजपा, निर्दलीयों ने भी मारी बाजी
त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून _ उत्तराखंड में हरिद्वार जनपद को छोड़कर अन्य 12 जनपदों में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का परिणाम शुक्रवार शाम घोषित हुआ। जिला पंचायत की कुल 358 सीटों में से भाजपा समर्थित 121 पर, कांग्रेस समर्थित 92 पर और निर्दलीय 145 पर जीते हैं। गुरुवार सुबह 8 बजे प्रदेश के सभी 89 विकासखंड मुख्यालयों पर 55587 ग्राम पंचायत सदस्यों, 7499 ग्राम प्रधानों, 2974 क्षेत्र पंचायत सदस्यों और 358 जिला पंचायत सदस्यों के लिए शुरू हुई मतगणना के परिणाम शुक्रवार शाम तक घोषित हो गए।
पंचायत चुनाव परिणाम में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अपेक्षाकृत सफलता प्राप्त नहीं हुई। इसमें पार्टी को प्रदेश अध्यक्ष के क्षेत्र में पराजय का सामना करना पड़ा, वहीं सल्ट और लैंसडौन के भाजपा विधायकों के परिजनों को भी हार का सामना करना पड़ा है। युवाओं, निर्दलीय और बागी प्रत्याशियों ने जीत हासिल कर एक नया प्रचलन शुरू किया। सल्ट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक महेश जीना के पुत्र करण नेगी और लैंसडौन से विधायक महंत दिलीप रावत की पत्नी नीतू रावत चुनाव हार गईं जबकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के प्रभाव वाले क्षेत्र बदरीनाथ से भी भाजपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा।
देहरादून, बागेश्वर, पौड़ी, अल्मोड़ा और नैनीताल में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला रहा। जबकि चमोली जैसे जिले में मतदाताओं ने पारंपरिक पार्टियों को पीछे छोड़कर बड़ी संख्या में निर्दलीयों को चुना। पौड़ी जिले में मुकाबला बहुत दिलचस्प रहा जहां कुल 38 सीटों में भाजपा ने 18, कांग्रेस ने 16 और निर्दलीयों ने चार सीटों पर कब्जा जमाया। हालांकि भाजपा को सबसे अधिक सीटें मिलीं लेकिन कई दिग्गज उम्मीदवारों की हार से भाजपा को आंतरिक झटका लगा है। खिर्सू की ग्वाड़ सीट से भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संपत सिंह को कांग्रेस के चैत सिंह ने हराया।
बागेश्वर में अध्यक्ष पद के लिए समीकरण जटिल _
बागेश्वर जिले की 19 जिला पंचायत सीटों में से भाजपा ने 9, कांग्रेस ने 6 और निर्दलीयों ने 4 सीटें जीतीं। हालांकि यहां भाजपा को कुछ राहत मिली लेकिन निर्दलीयों की मौजूदगी ने यहां भी अध्यक्ष पद के लिए समीकरण जटिल बना दिया है। अल्मोड़ा में 45 सीटों के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस ने 21, भाजपा ने 19 और निर्दलीयों ने पांच सीटें जीतीं। यहां कोई भी पार्टी स्पष्ट बहुमत नहीं हासिल कर सकी जिससे यह तय हो गया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष निर्दलीयों के समर्थन से ही बनेगा।
चमोली में भाजपा-कांग्रेस को झटका, निर्दलीय पड़े भारी _
चमोली जनपद में भाजपा और कांग्रेस दोनों को बड़ा झटका लगा। कुल 26 जिला पंचायत सीटों में से भाजपा सिर्फ चार, कांग्रेस पांच जबकि 17 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी रहे। पोखरी ब्लॉक की रानो सीट सबसे चर्चित रही जहां पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी की पत्नी रजनी भंडारी को करारी हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह ज्योतिर्मठ क्षेत्र के ढाक और हेलंग वार्डों में भी भाजपा और कांग्रेस को तीसरे से छठे स्थान पर संतोष करना पड़ा। यहां निर्दलीय प्रत्याशी आयुषी बुटोला और रमा राणा ने शानदार जीत हासिल की।
