ऋषिकेश- समर कैम्प के सप्तम दिन शिविरार्थियों को दी पंजाबी, गढ़वाली ,कुमाऊनी, जौनसारी बोलियों की जानकारी

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश _ पीएम श्री राजकीय इण्टर कॉलेज आईडीपीएल में समर कैम्प के सप्तम दिवस पर शिविरार्थियों को पंजाबी भाषा गढ़वाली ,कुमाऊनी तथा जौनसारी बोलियों की जानकारी दी। इस मौके पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा नाटक प्रस्तुत किये गए। गुरुमुखी अर्थात् पंजाबी भाषा में बोलते हुए महक सचदेवा ने बताया कि गुरुमुखी सिक्ख गुरुओं के मुख से निकली वाणी है। जिसको सिक्ख समाज के गुरुओं ने अपनी प्राणों का बलिदान देकर हिन्दू समाज की सेवा करते हुए सिक्ख धर्म की रक्षा की। सिख धर्म की स्थापना प्रथम गुरुदेव गुरुनानक देव जी महाराज ने की तथा गुरु परंपरा के चलते दसवें गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के ऊपर गुरु ग्रंथ साहब जी को अपना गुरु मानते हुए सिख समाज स्थापित किया गया। देश में मुगलों का शासन था उस समय क्रूर शासक औरंगजेब हिन्दुओं को जबरदस्ती मुस्लिम धर्म अपनाने को अत्याचार कर रहा था। तभी सिक्खों के गुरुओं ने उसका प्रतिकार कर हिन्दू धर्म की रक्षा करते हुए सिक्ख धर्म की स्थापना की। गुरुग्रंथ साहिब मे लिखा सिक्ख समाज के उत्थान एवं रक्षा के दिशा निर्देश गुरुओं की अमृतवाणी है। उसी समय से सिख धर्म में गुरु ग्रंथ साहिब जी को ही अपना ईस्ट देव मानते हुए उसकी श्रद्धापूर्वक पूजा अर्चना करते हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य राजीव लोचन सिंह ने कहा कि समर कैंप में देश की पंजाबी (गुरुमुखी) भाषा तथा सिक्ख समाज की स्थापना के बारे में बताया जायेगा । समर कैम्प में कैप्टन सुशील रावत, इंदु नेगी, रेखा पवार, आभा भट्ट, सुनीता पवार आदि ने गढ़वाली व्यंजन के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां बच्चों को दी।
इस अवसर पर कैप्टन सुशील रावत, किरण बिष्ट, अनिल भट्ट, मीडिया प्रभारी मनोज कुमार गुप्ता, मनोज शर्मा, विनोद पवार,बलवीर रावत सहित सभी बच्चे उपस्थित रहे।