ऋषिकेश- प्रदेश में पहली बार खनन विभाग ने प्राप्त किया 1100 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व

त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून _ प्रदेश में खनन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1100 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त किया है। राज्य गठन के बाद यह पहली बार है, जब खनन विभाग ने निर्धारित राजस्व लक्ष्य को पूरा करने के साथ ही रिकार्ड राजस्व भी अर्जित किया है। प्रदेश में खनन को हमेशा ही सबसे अधिक राजस्व प्राप्त करने वाले संभावनाशील विभागों में माना जाता रहा है। यह बात अलग है कि प्रदेश में खनन का राजस्व कभी 450 करोड़ रुपये से अधिक नहीं पहुंच पाया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खनन से राजस्व बढ़ाने और इसके लिए विभाग को कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
इस कड़ी में खनन विभाग ने खनन के पट्टे आवंटित करने के लिए ई-नीलामी और ई-टेंडरिंग प्रणाली को लागू किया। इससे खनन पट्टों के आवंटन में पारदर्शिता आई। विभाग ने आरआइएफडी आधारित ट्रैकिंग सिस्टम, नाइट विजन कैमरे और जीपीएस आधारित निगरानी ने खनन वाहनों की लाइव मानिटरिंग की व्यवस्था शुरू की। साथ ही 45 स्थायी माइन चेक पोस्ट को सक्रिया किया गया
अवैध खनन पर प्रभावी रोकथाम के लिए जिला स्तर पर एंटी इलीगल माइनिंग टास्क फोर्स का गठन किया गया। इसमें राजस्व विभाग, खनन विभाग, वन विभाग व पुलिस के साथ ही पर्यावरण विशेषज्ञ व ग्राम प्रधान को सदस्य बनाया गया। राज्य में अवैध खनन, अवैध भंडारण व अवैध परिवहन पर छापेमारी की गई। यही कारण है कि इस वर्ष 2176 प्रकरणों में 74.22 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल किया गया है। वर्ष 2020-21 में 2752 प्रकरणों में 18.05 करोड़ का जुर्माना वसूल किया गया था। यह जुर्माना पूर्व के वर्षों की तुलना में चार गुना अधिक रहा। इससे अवैध खनन पर भी अंकुश लगा। वहीं, खनन के क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों युवाओं को रोजगार मिला। सरकार के प्रयासों का ही नतीजा रहा कि खनन के लिए सरकार ने 875 करोड़ रुपये का जो राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया था, विभाग ने इससे कहीं अधिक राजस्व लक्ष्य हासिल कर लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सरकार के पारदर्शी और गुड गवर्नेंस का नतीजा है।

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