ऋषिकेश- दिव्यांगों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों, पूर्व सैनिकों को पहले अधिनियम में निर्धारित कोर्ट के अंतर्गत मिलेगा आरक्षण

त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून _ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 1993) (संशोधन) अधिनियम, 2025 अब प्रदेश में प्रभावी हो चुका है।
दिव्यांगों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों, पूर्व सैनिकों को पहले अधिनियम में निर्धारित कोर्ट के अंतर्गत आरक्षण का लाभ मिलेगा। इसके बाद एससी, एसटी और ओबीसी में इनका वर्गीकरण किया जाएगा। इनके आरक्षण का क्रम तय किया गया है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों और पूर्व सैनिकों को सीधी भर्ती में आरक्षण का लाभ देने के लिए अधिनियम में संशोधन किया गया है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों व पूर्व सैनिकों के लिए रिक्तयों के आधार पर क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की जाती है। लोक सेवाओं और पदों में रिक्तियों का दो प्रतिशत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों और पांच प्रतिशत पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित है। दिव्यांगजन के लिए चार प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। संबंधित अधिनियम की कुछ धाराओं में स्पष्टता न होने के कारण उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को परीक्षा परिणाम घोषित करने और प्रवीणता सूची जारी करने में कठिनाई हो रही थी। इसका समाधान कर अधिनियम में संशोधन किया गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि किस क्रम में इन्हें क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। आरक्षित रिक्तियों को श्रेणीवार वर्गीकृत किया जा सकेगा। यानी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों एवं पूर्व सैनिकों के लिए अनुमन्य क्षैतिज आरक्षण की गणना प्रत्येक श्रेणीवार पृथक-पृथक की जाएगी।