ऋषिकेश- उत्तराखंड योग नीति का प्रस्ताव तैयार, कैबिनेट बैठक में होगा पेश

त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून _ उत्तराखंड को योग नगरी बनाए जाने को लेकर लगातार पहल की जा रही है। ऋषिकेश पहले से ही विश्व योग की राजधानी मानी जाती है. लेकिन अब सरकार ने ऋषिकेश के साथ ही प्रदेश के अन्य क्षेत्रों को भी योग के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। जिसकी कवायद लगभग पूरी हो चुकी है. दरअसल, पिछले दो सालों से बन रही योग पॉलिसी में तमाम सब्सिडी का प्रावधान भी किया गया है. जिसके जरिए प्रदेश को योग नगरी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा. ऐसे में योग पॉलिसी का प्रस्ताव तैयार होने के साथ ही विधायी विभाग से प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल गई है. जिसे आगामी कैबिनेट के सम्मुख रखा जाएगा।
उत्तराखंड सरकार देवभूमि उत्तराखंड को योगभूमि बनने पर जोर दे रही है. यही वजह है कि राज्य सरकार, उत्तराखंड की नहीं, बल्कि देश की पहली योग नीति को लागू करने जा रही है. जिससे योग के प्रति लोगों का नजरिया बदलने के साथ ही लोगों का रुझान भी योग की तरफ बढ़ेगा. आयुष विभाग की ओर से योग पॉलिसी का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. साथ ही इस प्रस्ताव को विधायी विभाग से भी मंजूरी मिल गई है. ऐसे में आगामी मंत्रिमंडल के सम्मुख योग नीति प्रस्ताव को रखा जाएगा. जिस पर मंजूरी मिलने के बाद इस संबंध ने जिओ जारी होने के साथ ही उत्तराखंड राज्य में योग पॉलिसी लागू हो जाएगी।
उत्तराखंड में योग को बढ़ावा देने के लिए योग पॉलिसी में तमाम महत्वपूर्ण प्रस्ताव किए गए हैं. जिसमें, सभी योग केंद्रों को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन, केंद्र सरकार के योग सर्टिफिकेशन बोर्ड से तमाम योग कोर्स करने पर फीस के प्रतिपूर्ति की व्यवस्था, योग शिक्षण संस्थाओं के एकरूपता लाने के साथ ही संस्थाओं को व्यवस्थित करने संबंधित प्रावधान किए गए हैं. इसके अलावा, प्रदेश में योग शिक्षण संस्थान खोलने के लिए प्रोत्साहन राशि का प्रावधान और संस्थानों के मानकीकरण का प्रावधान भी शामिल है।

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