ऋषिकेश- घुसपैठियों के खिलाफ गुस्से में पहाड़, उत्तराखंड में 10 साल में कितनी बढ़ी मुस्लिम आबादी

त्रिवेणी न्यूज 24
रूद्रप्रयाग _ उत्तराखंड की ऊंची पहाड़ियों पर मौजूद कई गावों के बाहर बकायदा चेतावनी बोर्ड लगे हैं। जिसमें रोहिंग्या मुसलमानों को गांव में घुसने से रोकने के लिए चेतावनी दी गई है। हालांकि इस पर जब विवाद हुआ तो पुलिस-प्रशासन ने इस होर्डिंग को हटवा दिया है। देवभूमि उत्तराखंड फिर एक बार चर्चा में है। हुआ यह कि घुसपैठियों के खिलाफ लोगों का गुस्सा इस कदर फूट पड़ा है कि अब लोग अपने गांव में घुसपैठियों को घुसने नहीं देना चाहते। असल में उत्तराखंड के पहाड़ी गांवों में घुसपैठियों को चेतावनी देने के लिए बकायदा गांव के एंट्री पर बोर्ड तक लगा दिए गए हैं कि रोहिंग्या मुसलमानों का गांव में घुसना मना है। वैसे देश में कहीं भी किसी के आने-जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा सकता लेकिन रुद्रप्रयाग की पहाड़ियों में ऐसा क्या हो गया कि रोहिंग्या और गैर हिंदुओं के खिलाफ बोर्ड लगाना पड़ गया।
पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बाहरी लोगों द्वारा शांत माहौल को खौफजदा करने के खिलाफ ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। केदारघाटी की ग्राम पंचायत रविग्राम, गौरीकुंड, न्यालसू, खड़िया, मैखण्डा सहित दो दर्जन गांवों में फेरी वाले व बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने को लेकर स्थानीय लोगों ने साइन बोर्ड लगाए हैं। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में बिना सत्यापन के फेरी और अन्य बाहरी क्षेत्रों से आने वाले संदिग्ध लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की है। बढ़ रहे अपराध व अपराध में शामिल बाहरी लोगों की भूमिका को लेकर आम ग्रामीण आपस में चर्चा कर जागरूक भी कर रहे हैं। जबकि ग्रामीणों ने गांव-गांव में बातचीत और आपसी सहमति से साइन बोर्ड लगा रहे हैं। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में किसी तरह की चोरी एवं अन्य घटनाएं न हो सके।
पुलिस प्रशासन भी सतर्क _
ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए बोर्ड के बाद पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया। और रविवार को ग्रामीणों से कई दौर की वार्जा की, जिसके बाद गांवों में लगाए गए बोर्ड में सुधार किया गया, जिन शब्दों से आपत्ति थी उन्हें हटाते हुए बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लिखते हुए लगाए गए हैं। ग्रामीणों ने सभी लोगों की सहमति के बाद ही बोर्ड लगाए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उनका उद्देश्य गांवों में चोरी, अपराध और अन्य तरह की घटनाओं को रोकना है। कहा कि कई संदिग्ध लोग बिना सत्यापन के गांवों में पहुंच जाते हैं। जिससे अपराध होने का खतरा बना रहता है। मैखंडा के ग्रामीण प्रवीन मैखंडी ने बताया कि वर्तमान में उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में जिस तरह की घटनाएं हो रही हैं उसको देखते हुए बाहरी लोगों के प्रवेश को रोकने संबंधी बोर्ड लगाए गए हैं। बोर्ड में सुधार कर लिया गया है। जिन शब्दों से दिक्कतें थी उन्हें बोर्ड से हटा दिया गया है। पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने कहा कि ने इस घटना की पूरी जानकारी पुलिस को है। पुलिस द्वारा किसी व्यक्ति या समाज विशेष को संबोधित करते लगाए गए बोर्ड हटा दिए गए हैं। जबकि मामले में जांच भी की जा रही है।
उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि गांवों में चोरी, अपराध और गलत प्रयोजन से जा रहे बाहरी लोगों को रोकटोक करने का ग्रामीणों को अधिकार है। किसी समाज विशेष और व्यक्ति को निशाना बनाते हुए कोई ऐसा कार्य करने का किसी अधिकार नहीं है, जिससे माहौल खराब हो। इस मामले में राजस्व पुलिस भी निगरानी रख रही है।

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