ऋषिकेश- डॉ. जनार्दन कैरवान बने तीसरी बार संस्कृत विद्यालय प्रबन्धकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश _ उत्तराखंड संस्कृत विद्यालय प्रबन्धकीय शिक्षक संघ के द्विदिवसीय प्रांतीय सम्मेलन का शुभारंभ संस्कृत शिक्षा निदेशक शिवप्रसाद खाली सहायक निदेशक देहरादून डॉ. चण्डी प्रसाद घिल्डियाल, वरिष्ठ समाज सेवी आशाराम व्यास, नेपाली संस्कृत विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ ओमप्रकाश पूर्वाल ने दीपप्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर सम्मेलन के प्रथम सत्र प्रस्ताविक सत्र रहा, द्वितीय सत्र महामंत्री प्रत्यावेदन सत्र रहा, तृतीय सत्र जिलाशय बैठक का रहा जिसमे जिलों के अध्यक्षों व महामंत्रीयों का चयन किया गया। साथ ही प्रान्तीय कार्यकारणी के चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। प्रांतीय चुनाव के लिए प्रदेश के सभी जनपदों से प्रदेश अध्यक्ष व महामंत्री के लिए आवेदन के साथ साथ नाम भी मांगे गए थे। लेकिन प्रदेश के सभी शिक्षक शिक्षकों ने इस बार भी डॉ जनार्दन कैरवान पर अपना भरोसा जताया और उन्हें तीसरी बार प्रदेश अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित किया। महामंत्री पद पर डॉ नवीन पंत का प्रस्ताव आया और सर्व सहमति से उनको संघ का महामंत्री निर्वाचित किया गया। संघ के नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष डॉ जनार्दन कैरवान व महामंत्री डॉ नवीन पंत ने सभी शिक्षक साथियों का आभार प्रकट किया।इस अवसर पर टिहरी गढ़वाल से कमल डिमरी को जिलाध्यक्ष व सुभाष भट्ट को महामंत्री,
पौडी से प्रवेश हेमदानअध्यक्ष महामंत्री ईशान डोभाल,
रुद्रप्रयाग से जयप्रकाश गोड़ अध्यक्ष राकेश कंसवाल महामंत्री, उत्तरकाशी से भगवती उनियाल अध्यक्ष, सुरेंद्र भट्ट महामंत्री, देहरादून से मनोज शर्मा अध्यक्ष, मीनाक्षी चौहान महामंत्री, हरिद्वार से हेमन्त तिवारी अध्यक्ष, महेश बहुगुणा महामंत्री, अल्मोड़ा से नरेन्द्र जोशी अध्यक्ष, दुर्गेश्वर त्रिपाठी महामंत्री, पिथौरागढ़ से महेश पंत अध्यक्ष, सतीश जोशी महामंत्री, बागेश्वर से गिरीश तिवारी अध्यक्ष, राकेश जोशी महामंत्री, चम्पावत से गोपाल पंतोला अध्यक्ष, बसन्त पांडेय महामंत्री, नैनीताल जनपद से कीर्ति कलोनी अध्यक्ष व प्रकाश रूवाली को महामंत्री बनाया गया। सभी ने संस्कृत भाषा व संस्कृत विद्यालयों के उन्नयन के लिये कार्य करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर सुभाष डोभाल, विपिन बहुगुणा, सुशील नोटियाल विनायक भट्ट, विजय जुगलान नवीन भट्ट आशीष जुयाल, विकाश कोठारी, तुलसी राम लखेड़ा,गीता रावत, तारा देवी आरती रतूड़ी सहित पूरे प्रदेश से आए संस्कृत शिक्षक शामिल थे।