ऋषिकेश- अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपियों ने नार्को टेस्ट टालने का खेला दांव

त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून – अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपियों ने नार्को टेस्ट टालने का दांव खेल दिया है। पुलिस की तैयारियों को झटका देते हुए नार्को टेस्ट को लेकर अंकिता हत्याकांड के आरोपियों ने 10 दिन का समय मांग लिया है। ज्ञात हो कि एसआईटी ने शुक्रवार को नार्को टेस्ट कराने की लेकर कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था जिसके बाद आज मामले में नोटिस जारी होने थे। इससे पहले आरोपियों ने पौड़ी जेल अधीक्षक के माध्यम से जेएम कोर्ट कोटद्वार से 10 दिन का समय मांग लिया है। जाहिर है हत्यारोपी पुलकित और उसके दोनों साथी बेहद शातिर हैं और पुलिस के साथ खेल खेलने में माहिर जान पड़ते हैं। हत्यारोपी पुलकित पुलिस से लगातार एक कदम आगे नज़र आ रहा है और कई अनसुलझे सवालों के आगे पुलिस बेबस समझिए या उसकी जांच नाकाफी नजर आ रही है। अंकिता भंडारी हत्याकांड ने प्रदेश की जनता को उद्वेलित कर दिया। लेकिन इस हत्याकांड को इतना वक्त गुजरने के बावजूद उत्तराखंड पुलिस यह तक पता नहीं लगा पाई है कि आखिरकार पुलकित आर्य के वनंतरा रिजॉर्ट में आने वाला वह वीआईपी गेस्ट कौन था। जिसको “एक्सट्रा सर्विस” देने के लिए हामी ना भरने के कारण अंकिता भंडारी की हत्या कर दी। आखिर जब तक उस वीआईपी का खुलासा नहीं होगा तब तक हत्या के असल मकसद का भांडा कैसे फूटेगा। उत्तराखंड पुलिस की एसआईटी की कमजोरी सिर्फ इसी से नहीं झलकती है कि हत्याकांड को इतना वक्त गुजरने के बावजूद अभी तक वीआईपी का खुलासा नहीं किया जा सका है। बल्कि पुलिस तीनों हत्यारोपियों को जेल पहुंचाकर भी अभी भी तक न मृतक अंकिता का मोबाइल और ना ही मुख्य हत्यारोपी रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य का मोबाइल ही बरामद कर सकी है। ऐसे में जब हम देख चुके कि दिल्ली के छावला में 2012 में पहाड़ के बेटी किरन नेगी के साथ निर्भया जैसी दरिंदगी गैंगरेप-मर्डर के बावजूद दोषी दिल्ली पुलिस की जांच की खामियों का फायदा उठाकर बरी हो गए, तब पहाड़ की बेटी अंकिता भंडारी के दरिंदों को बिना वीआईपी के खुलासे, मोबाइल जैसे एविडेंस की बरामदगी के कोर्ट में अंतिम लड़ाई तक कैसे जस्टिस की जंग लड़ी जा सकेगी। यहीं वजह है कि मृतका अंकिता भंडारी का परिवार हत्यारोपियों का नार्को टेस्ट कराने की मांग कर रहा है। इसी के बाद एसआईटी ने शुक्रवार को कोटद्वार के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम की कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने की अनुमति मांगी थी। हालांकि सोमवार को इस पर सुनवाई होनी थी लेकिन आरोपियों ने आज नार्को टेस्ट को लेकर 10 दिन का समय मांग लिया है। आरोपियों ने पौड़ी जेल अधीक्षक के जरिए जेएम कोर्ट कोटद्वार से समय मांगा है।
ज्ञात हो कि अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपी पुलकित, अंकित और सौरभ के नार्को टेस्ट को लेकर सोमवार को नोटिस जारी होने थे। लेकिन पुलिस अपने मकसद में कामयाब हो पाती उससे पहले ही हत्यारोपियों ने 10 दिन का समय मांग लिया।
दरअसल तमाम राजनीतिक दल बीजेपी सरकार को वीआईपी को लेकर घेर रही थी और अंकिता के माता-पिता भी मांग कर रहे कि हत्यारोपियों से वीआईपी को लेकर सच उगलवाने के लिए नार्को टेस्ट जरूरी है। इसी के बाद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने कहा था कि एसआईटी ने वीआईपी का नाम जानने के लिए नार्को टेस्ट का फैसला किया है। शुक्रवार को इसका प्रार्थना पत्र भी एसआईटी ने दाखिल कर दिया था। पुलिस हत्यारोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराना चाह रही है। 18 सितंबर को पुलकित आर्य के रिजॉर्ट वनंतरा में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की ऋषिकेश स्थित चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी गई थी। अंकिता का शव 24 सितंबर को नहर से बरामद किया जा सका था। हत्या के आरोप में पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था। उसी दौरान अंकिता की अपने साथी के साथ व्हाट्सएप चैट ने खुलासा हुआ था कि किसी वीआईपी को एक्स्ट्रा सर्विस देने को लेकर अंकिता पर दबाव बनाया जा रहा था और पौड़ी की बेटी अंकिता ने प्रेशर में आकर स्वाभिमान का सौदा करने से इंकार किया तो साजिश रचकर उसकी हत्या कर दी गई। हालांकि संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल विधानसभा में कह चुके कि कोई वीआईपी नहीं था। जिसके बाद से लगातार उनका विरोध भी हो रहा है। जबकि पुलिस वीआईपी कौन था उसका पता लगाने के लिए हत्यारोपियों का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट करने को कानूनी प्रयास कर रही है। लेकिन ऐसा लगता है कि आरोपी पुलकित पुलिस से एक कदम आगे चाल चल रहा है।

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