ऋषिकेश- देहरादून में 2 दिसंबर को रिलीज होगी गढ़वाली फिल्म ‘मेरु गौं’

त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून- गंगोत्री फिल्मस् के बैनर तले निर्मित गढ़वाली फिल्म ‘मेरु गौं’ 2 दिसंबर (शुक्रवार) के दिन दून स्थित ‘सिल्वर सिटी’ में रिलीज होगी। फिल्म की कथावस्तु पलायन के अलावा स्थायी राजधानी, परिसीमन और मातृभाषा के विमर्श पर आधारित है। इसे जाने माने निर्देशक अनुज जोशी ने डायरेक्ट किया है।
प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता के दौरान निर्माता राकेश और निर्देशक अनुज जोशी ने दावा किया कि गढ़वाली फिल्म ‘मेरु गौं’ राज्य के सामयिक विषयों पलायन, स्थायी राजधानी, परिसीमन और मातृभाषा पर सार्थक बहस को छेड़ने की एक कोशिश है। फिल्म में मनोरंजन के साथ खास जानकारियों के पक्ष को रखने का प्रयास किया गया है। ‘मेरु गौं’ को गढ़वाल की कई खास लोकेशन में फिल्माया गया है। इस दौरान फिल्म अभिनेता और साहित्कार मदन डुकलान ने दावा किया कि गढ़वाली फिल्म ‘मेरु गौं’ उत्तराखंडी सिनेमा को पुनर्जीवित करेगी। फिल्म के गीत जितेंद्र पंवार ने लिखे हैं। जिन्हें लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी और जितेंद्र पंवार ने गाया है। संगीत संजय कुमोला ने दिया है, जबकि सिनेमेटोग्राफी राजेश रतूड़ी और एडिटिंग मोहित कुमार ने की है।
फिल्म के कलाकरों में राकेश गौड़, मदन डुकलान, रमेश रावत, सुमन गौड़, गोकुल पंवार, अजय बिष्ट, गीता उनियाल, विकास उनियाल, रमेश डंडरियाल, गीता गुसाईं नेगी, गिरधारी रावत, रूद्रांश उनियाल और गंभीर सिंह जयाडा शामिल हैं। अभिनेत्री गीता उनियाल ने उत्तराखंड वासियों के साथ ही कला, भाषा और संस्कृति प्रेमियों से इस सार्थक फिल्म को देखने की अपील की है। अनुज जोशी निर्देशित फिल्में
उत्तराखंड राज्य आंदोलन पर आधारित द्विभाषी (हिंदी व गढ़वाली) फिल्म ‘तेरी सौं’ के निर्माण और निर्देशन से आंचलिक सिनेमा में दस्तक देने वाले अनुज जोशी फिर से चर्चाओं में हैं। चर्चाओं की वजह है फिर से राज्य के मौजूदा परिदृश्य पर आधारित विषयों को लेकर बनी फिल्म ‘मेरु गौं’। इससे पहले वह सामयिक विषयों पर आधारित वीडियो फिल्में ‘याद आली टिरी’, ’अब त खुलली रात’, ’काफल’, ’कमली’, ’कभी त होली सुबेर’ को भी डायरेक्ट कर चुके हैं।

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