ऋषिकेश- हरिशयनी एकादशी 10 जुलाई से 04 नवंबर तक बंद रहेंगे सभी मांगलिक कार्य

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश- शास्त्रानुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष हरिशयनी एकादशी से कार्तिक शुक्ल पक्ष देव प्रबोधिनी एकादशी तक श्री हरि यानी भगवान विष्णु 4 महीने के लिए शयन करते अर्थात योग निद्रा में लीन हो जाते हैं जिसे चातुर्मास कहा जाता है। इस वर्ष यह चातुर्मास 10 जुलाई रविवार को शुरू होकर 04 नवम्बर शुक्रवार तक है। इस दौरान समस्त मांगलिक कार्य जैसे गृह प्रवेश, विवाह, यज्ञोपवीत, द्विरागमन, मुण्डन संस्कार आदि नहीं होते।
इस चार महीने में साधना, यज्ञ, अनुष्ठान, पूजा-पाठ आदि धार्मिक कार्यों का बहुत ही महत्व है।
इस चार महीने में साधु-संत जन कल्याण हेतु एक स्थान पर निवास करके सत्संग आदि करते हैं। एकादशी के बाद से चार माह के लिए व्रत और साधना का समय प्रारंभ हो जाता है जिसे चातुर्मास कहते हैं। सावन, भादो, आश्विन और कार्तिक। इन चार माह में कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करते हैं।
चार माह के लिए देव यानी की श्री हरि विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। इसीलिए सभी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य बंद हो जाते हैं, क्योंकि हर मांगलिक और शुभ कार्य में श्री हरी विष्णु सहित सभी देवताओं का आह्वान किया जाता है। देवशयनी एकादशी के बाद चार महीने तक सूर्य, चंद्रमा और प्रकृति का तेजस तत्व कम हो जाता है। शुभ शक्तियों के कमजोर होने पर किए गए कार्यों के परिणाम भी शुभ नहीं होते। इसीलिए मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं।