ऋषिकेश- सहायक निदेशक बनने के बाद पहली बार तीर्थ नगरी पहुंचे डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल का हुआ स्वागत

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश _ सहायक निदेशक बनने के बाद पहली बार तीर्थ नगरी पहुंचे आचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
शनिवार को सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल प्रातः 8 बजे राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज आईडीपीएल के प्रार्थना स्थल पर पहुंचे। जहां पर पूर्व से उपस्थित राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य राजीव लोचन सिंह सहित अभिभावकों एवं विद्यालय स्टाफ ने उनको पुष्पगुच्छ भेंट कर गर्मजोशी से स्वागत किया। शिक्षक शिक्षणेत्तर कर्मचारियों सहित छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कुसुम कंडवाल ने कहा कि यह तीर्थ नगरी के लिए गौरव का विषय है कि इस विद्यालय में 15 वर्ष तक संस्कृत प्रवक्ता के पद पर रहकर वर्ष 2015 में राज्य के” प्रथम गवर्नर अवार्ड “से सम्मानित होने वाले डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल को राज्य सरकार ने शैक्षिक संवर्ग से प्रशासनिक संवर्ग में शिक्षा अधिकारी बनाया है। सभी को पूर्ण विश्वास है कि उनके जैसे कर्मठ, ईमानदार एवं सर्वगुण संपन्न अधिकारी के कुशल मार्गदर्शन में शिक्षा एवं संस्कृति का पूर्ण संरक्षण हो पाएगा। डॉ. घिल्डियाल ने कहा कि उन्होंने इस क्षेत्र में 15 वर्ष तक सेवा की समाज का जो सहयोग उनको मिला उसका उन्होंने विद्यालय हित में सदुपयोग किया। उनके पढ़ाए हुए विद्यार्थी कई उच्च पदों पर पहुंच चुके हैं, इस बात का उन्हें गर्व है। उनका प्रयास हमेशा पूरे राज्य सहित तीर्थ नगरी के विद्यालयों के विशेष सर्वांगीण विकास की तरफ रहेगा। विद्यालय के प्रधानाचार्य राजीव लोचन सिंह ने डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल को उच्च पद पर जाने के लिए विद्यालय परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दी। कहा कि विद्यालय को उनके जाने से बहुत क्षति हुई है लेकिन उनके उच्च पद पर जाने की खुशी में आज विद्यालय परिवार बहुत प्रसन्न है। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष कोमल तोमर, भाजपा महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष सुंदरी कंडवाल, अरविंद चौधरी, रमा शंकर विश्वकर्मा, संजय ध्यानी, सुशील रावत, सुशील सैनी, पंकज सती, हरेंद्र राणा सहित सभी शिक्षक कर्मचारी अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। इस अवसर पर सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने पूरे महीने मनाए जाने वाले हरेला पर्व का भी शुभारंभ कुसुम कंडवाल के साथ 5 पौधों के रोपण करके किया।