ऋषिकेश- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने निम्नलिखित मांगों पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की मुख्यमंत्री से की मांग

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश- अभाविप की प्रदेश मंत्री काजल थापा ने मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर शैक्षणिक व सामाजिक परिदृश्य की गुणवत्ता वृद्धि के सम्बन्ध में निम्नलिखित मांगों पर सकारात्मक दृष्टिकोण की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है । परिषद् सामाजिक समस्याओं एवं शैक्षणिक मुद्दों को लेकर सदैव संघर्षरत रहती है । प्रदेश में नई सरकार के गठन के उपरांत युवाओं में व प्रदेश की जनता में उत्साह का वातावरण है। अतः अभाविप उत्तरांचल आपसे शैक्षणिक व सामाजिक परिदृश्य की गुणवत्ता वृद्धि के सम्बन्ध में निम्नलिखित मांगों पर सकारात्मक दृष्टिकोण की अपेक्षा करती है ।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का शीघ्र क्रियान्वयन किया जाए। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों का शैक्षणिक कैलेंडर शीघ्र जारी किया जाए तदानुसार प्रवेश, परीक्षा और परिणाम का समय निर्धारण सुनिश्चित किया जाए। प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव की तिथि शीघ्र घोषित की जाए। प्रदेश में खेल विश्वविद्यालय, महिला विश्वविद्यालय, संगीत एवं कला विश्वविद्यालय अविलम्ब खोले जाए। संयुक्त प्रवेश परीक्षा (CUET) में उत्तराखंड के विद्यार्थियों को 40% आरक्षण सुनिश्चित हो एवं प्रवेश फॉर्म शुल्क को कम किया जाए। प्रदेश भर में सभी महाविद्यालयों में विषयों की घोषणा जो पीजी स्तर पर हुई है उनका शीघ्र क्रियान्वयन हो व आवश्यकतानुसार पीजी कोर्स खोले जाए। प्रदेश में उच्च शिक्षा चयन आयोग का गठन हो एवं सभी महाविद्यालयों में प्राचार्य, शिक्षकों एवं कर्मचारियों की रिक्त पड़े पदों पर शीघ्र नियुक्ति की जाए। NCC एवं मिलिट्री साइंस पाठ्यक्रम की महाविद्यालय में व्यवस्था हो । विश्वविद्यालय, महाविद्यालय एवं विद्यालय स्तर पर योग, कृषि एवं क्षेत्रीय संसाधन पर आधारित रोजगार परक शिक्षा को पाठ्यक्रम में लाया जाए। प्रदेश में प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में भवन व शिक्षकों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाये व आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए।
प्रदेश की द्वितीय राजभाषा संस्कृत के प्रचार-प्रसार एवं अध्ययन-अध्यापन के लिए बने संस्कृत विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा के साथ ही संस्कृत के विद्यालय/महाविद्यालयों का वर्गीकरण किया जाए एवं शिक्षकों व संस्कृत अनुवादको की नियुक्ति हो । ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरे को दृष्टिगत रखते हुए इस विषय पर विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में इंटर्नशिप प्रोग्राम चलाया जाए । SC, ST छात्रावासों को सुचारू रूप से चलाया जाए। जिला मुख्यालय में सामान्य छात्र-छात्राओं हेतु छात्रावासों का शीघ्र निर्माण हो।
सुदूरवर्ती महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति को बढ़ाने के उद्देश्य से उनके आवागमन हेतु बसों की व्यवस्था की जाए । महाविद्यालयों में किसी कारणवश टेबलेट से वंचित रह गए छात्र छात्राओं को टेबलेट वितरित हो तथा विश्वविद्यालय के परिसरों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को भी इसका लाभ दिया जाए। उत्तराखंड पर्यटन को बढ़ावा देते हुए प्रदेश के समस्त पर्यटन स्थलों का आधुनिकीकरण एवं उच्च स्तरीय व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाये तथा देश व दुनिया से चार धाम यात्रा के लिए आने वाले तीर्थयात्रियो हेतु यात्रा मार्ग पर मूलभुत , चार धाम यात्रा व अन्य धार्मिक स्थानों पर यात्रियों हेतु व्यवस्थाओं का आधुनिकीकरण किया जाए ।
प्रदेश भर के सभी छात्र छात्राओं पर आंदोलन संबंधित जो भी मुकदमे है वह वापस लिए जाएं।
प्रदेश में जबरन धर्मांतरण के विषय को गंभीरता से लिया जाए एवं उत्तराखंड में बाहर से आने वाले रोहिंग्या मुसलमान एवं बांग्लादेशी घुसपैठियों का सर्वेक्षण किया जाए। नशा मुक्त उत्तराखंड निर्माण के लिए कठोर कानून का पालन सुनिश्चित किया जाए ।
हमारी श्रद्धा के केंद्र गंगा, यमुना, अलकनंदा नदियों सहित राज्य की स्थानीय नदियों को संरक्षित कर प्रदूषण मुक्त करने का कार्य सरकार द्वारा सक्रियता से किया जाए। समस्त प्रदेश में चिकित्सा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है । पर्वतीय क्षेत्रों के चिकित्सालयों में चिकित्सकों की नियुक्ति एवं मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए । ग्राम स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाये जाये जिससे दुर्गम क्षेत्र के नागरिको को समय पर चिकित्सा उपलब्ध हो। अभाविप यह मांग करती है कि जिला केन्द्रों पर महिला चिकित्सालय बनाये जाए एवं महिला स्वास्थय जांच हेतु ब्लॉक स्तर पर मासिक स्वास्थय शिविर आयोजित किये जायें।