ऋषिकेश- 60 दर्जन से अधिक राज्य आंदोलनकारियों की नोकरी में मंडराया खतरा

त्रिवेणी न्यूज 24
नैनीताल _ उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी सेवाओं में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण दिए जाने के मामले पर सुनवाई की। जिसमें लगभग 6 दर्जन से अधिक नोकरी कर रहे आंदोलन कारियों पर नोकरी का खतरा मंडराने वाला है। बता दें कि मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमुर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने सरकार के प्रार्थरना पत्र को यह कहकर निरस्त कर दिया है। सरकार अब आदेस में संसोधन प्राथर्ना पत्र पेस कर रही है। अब इसका कोई आधार नही रह गया है न ही देर से पेस करने का कोई ठोस कारण पेस किया। यह प्राथर्ना पत्र लिमिटेशन एक्ट की परिधि से बाहर जाकर पेस किया गया। जबकि आदेस होने के 30 दिन के भीतर पेस किया जाना था। बता दे कि राज्य आंदोलनकारियों को दस फीसदी क्षेतीज आरक्षण दिए जाने का शासनादेश एनडी तिवारी की सरकार 2004 में लाया गया था।
2015 में कांग्रेस सरकार ने विधान सभा में विधेयक पास कर राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी आरक्षण देने का विधेयक पास किया। इस विधेयक को राज्यपाल के हस्ताक्षरों के लिये भेजा लेकिन राजभवन से यह विधेयक वापस नहीं आया ।
अभी तक आयोग की परिधि से बाहर 730 लोगो को नौकरी दी गयी है। इन लोगों की नोकरी में खतरा मंडराने लग गया है।

%d bloggers like this:
Breaking News