ऋषिकेश- मुख्यमंत्री मलाईदार विभाग अपने पास रखेंगे या मंत्रियों को देंगे काम? मुख्यमंत्री बांटेंगे पोर्टफ़ोलियो तो इन मंत्रियों को मिलेंगे ये मंत्रालय

त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून – धामी सरकार के शपथग्रहण को 24 घंटे से अधिक समय बीत चुका है और माना जा रहा है कि पहली कैबिनेट के बाद मुख्यमंत्री एकाध दिन में अपनी टीम को विभागों का टास्क थमा देंगे। क़यास लगाए जा रहे कि आखिर किस मंत्री को कौनसा विभाग मिलने जा रहा है। वैसे तो यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है कि वे किस मंत्री को कौनसा विभाग अलॉट करते हैं। लेकिन फिलहाल ज्यादा माथापच्ची न करते हुए अगर मुख्यमंत्री रिपीट मंत्रियों को पुराने विभाग और नए मंत्रियों को नए विभाग के फ़ॉर्मूले पर आगे बढ़ते हैं तो कुछ इस तरह की सूरत बन सकती है।
मंत्री सतपाल महाराज _
पिछली सरकार में सतपाल महाराज के पास लोक निर्माण विभाग, टूरिज्म, संस्कृति और धर्मस्व जैसे विभाग थे। ऐसे में अगर रिपीट फ़ॉर्मूला चला और विभागों में कामकाज के अनुभव को तवज्जो दी तो एकाध विभाग की अदला-बदली के साथ महाराज का पोर्टफ़ोलियो ऐसा ही कुछ रह सकता है।
मंत्री सुबोध उनियाल _
सुबोध उनियाल ने टीएसआर सरकार में कृ्षि और उद्यान विभागों को एक चुनौती की तरह लिया था और बीते पांच सालों में प्रधानमंत्री मोदी से कृषि कर्मण अवॉर्ड सहित कई सम्मान हासिल कर चुके हैं। संभव है कि मंत्रियों में परफ़ॉर्मेंस के मामले में अव्वल रहे सुबोध उनियाल को एक दो और विभाग देकर उनका वज़न बढ़ा दिया जाए। वैसे भी जब धामी को पहली बार मुख्यमंत्री बनाया गया था तब सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य और डॉ धन सिंह रावत को पुराने विभागों के साथ एक-एक एडिशनल विभाग दिए गए थे। लेकिन तब उनियाल के विभाग नहीं बढ़ाए गए थे।
मंत्री डॉ. धन सिंह रावत _
डॉ. धन सिंह रावत के पास पिछली सरकार में स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा से लेकर सहकारिता जैसे भारी-भरकम विभाग थे। लिहाजा उनके विभाग रिपीट हो सकते हैं। मंत्री गणेश जोशी के विभाग की यथावत रह सकते हैं। मंत्री रेखा आर्य को भी उनके पूर्व के महिला एवं बाल विकास आदि विभाग दिए जा सकते हैं।
धामी कैबिनेट के 3 नए चेहरों को मिलेंगे कौनसे विभाग?
धामी कैबिनेट 2.0 में पिछली विधानसभा के अध्यक्ष रहे प्रेमचंद अग्रवाल को भी मंत्रीपद दिया गया है। माना जा रहा है कि मदन कौशिक और बंशीधर भगत की कैबिनेट में अनुपस्थिति के बाद अब अग्रवाल को सदन में विपक्ष से मोर्चा लेने के लिए संसदीय कार्य मंत्री का अहम दायित्व दिया जा सकता है। आबकारी या शहरी विकास जैसे एकाध मलाईदार विभाग भी अग्रवाल को मिल सकते हैं।
वहीं चंदन राम दास को समाज कल्याण, पंचायती राज, पेयजल और ग्राम्य विकास जैसे विभाग दिए जा सकते हैं। जबकि धामी कैबिनेट के सबसे युवा मंत्री सौरभ बहुगुणा को खेल, युवा और ट्रांसपोर्ट विभाग दिया जा सकता है। देखना दिलचस्प होगा मुख्यमंत्री अहम और मलाईदार विभाग खुद रखते हैं या फिर टीम धामी में अहम विभाग बाँटकर बेहतर डिलिवरी के लिए मॉनिटरिंग को तवज्जो देते है। यह सवाल इसलिए ज्यादा दिलचस्प हो जाता है क्योंकि अधिकतर देखा गया कि मुख्यमंत्री मंत्रियों को एकाध विभाग देकर आबकारी, पॉवर, PWD, खनन जैसे ज़्यादातर भारी भरकम विभाग अपने पास ही रखते रहे हैं।