ऋषिकेश-21 दिसंबर से 27 दिसंबर तक त्रिवेणी घाट पर होगा धेनु मानस गौ कथा का आयोजन

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश – भारतीय गौ क्रांति मंच की ओर से एक देश एक संकल्प के साथ 21 से 27 दिसंबर तक त्रिवेणी घाट पर धेनु मानस गौ कथा का आयोजन किया जाएगा। कथा में गोपाल मणि महाराज व कथावाचक आचार्य सीताशरण धेनु मानस गौ कथा का प्रवचन करेंगे।
सोमवार को त्रिवेणी घाट स्थित कथा स्थल पर आयोजित प्रेस वार्ता में भारतीय गौ क्रांति मंच के संस्थापक गोपाल मणि महाराज ने बताया कि त्रिवेणी घाट पर 21 से 27 दिसंबर तक धेनु मानस गौ कथा का आयोजन किया जाएगा। कथा में मेरे साथ आचार्य सीताशरण भी प्रवचन करेंगे। उन्होंने कहा उनका मकसद लोगों में गाय के प्रति जागरूकता लाना है। जिससे लोगों में गाय के प्रति जागरूकता फैल सके व गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि लोग केवल गाय को एक पशु मानते हैं जबकि गाय पशु नहीं बल्कि हमारी माता है। उन्होंने कहा कि वह गौमाता को राष्ट्र का दर्जा दिलवाने के लिए दिल्ली में तीन बार आंदोलन कर चुके हैं। मगर दिल्ली सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश दोनों राज्य अपनी-अपनी विधान सभाओं में प्रस्ताव पारित कर गौ को राष्ट्र माता का दर्जा घोषित करने के लिए केंद्र को भेज चुके है। फिर भी केंद्र सरकार गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा घोषित नहीं कर रही है। उनका मंच पूरे देश में गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है। जब तक गाय को राष्ट्र माता का दर्जा नहीं दिया जाता है उनका यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। 7 नवंबर को मंच ने राष्ट्रव्यापी महाजन आंदोलन को लेकर भारत सरकार से अनुमति मांगी थी। लेकिन भारत सरकार ने कोविड-19 का हवाला देते हुए उन्हें अनुमति नहीं दी। सभी संतो व गौ भक्तों ने इस बात पर राष्ट्रव्यापी महाजन आंदोलन स्थगित किया। भारत सरकार से अनुरोध किया कि भारत की धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक, आध्यात्मिक और करोड़ों हिंदुओं की आस्था की प्रति गौ माता को देश के अंदर राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान दिया जाए। उन्होंने कहा कि गाय के गोबर से इंधन, बायोगैस, जैविक खाद, डीजल, पेट्रोल के विकल्प के रूप में उपयुक्त माना जाता है। गौमूत्र का उपयोग फिनायल एवं कीटनाशक दवाइयां बनाने में किया जाता है। गाय के दूध को पूर्ण आहार माना जाता है। गाय के दूध से ही छांछ पनीर, मक्खन, घी, मिठाई आदि बनाई जाती है। इस प्रकार मानव जीवन में गाय का एक बहुत बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। गौमाता से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। गाय को राष्ट्रमाता घोषित किया जाए। प्रेस वार्ता में आचार्य राकेश सेमवाल, आचार्य सूरत राम डंगवाल, पंडित दिनेश प्रसाद उनियाल, पंडित महावीर खंडूरी आदि मौजूद थे।