ऋषिकेश- जेलों में बेहतर सुविधाओं के लिए कमेटी गठन कर रिपोर्ट पेश करे सरकार – हाईकोर्ट

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश – उच्च न्यायालय ने प्रदेश की जेलों में सीसीटीवी कैमरे और दूसरी सुविधाओ को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ में गृह सचिव रंजीत सिन्हा और जेल महानिदेशक पुष्पक ज्योति न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए।
खण्डपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार को निर्देश दिए है कि जेलों की सुविधाओ को लेकर एक कमेटी का गठन करें और कमेटी के सुझावो पर अमल करें। उसकी रिपोर्ट हर महीने के तीसरे हफ्ते न्यायालय में पेश करें।
न्यायालय ने जेलों में सुविधाओं को लेकर सरकार को अहम दिशा निर्देश दिए है। इसमें नई जेलों का निर्माण, गढ़वाल मंडल में ओपन जेल, जेलों की मरम्मत के लिए बजट, कैदियो के रोजगार के लिए फैक्ट्रियां, बच्चों के लिए स्कूल, जेलों में पर्याप्त स्टाफ की भर्ती, जेलों में परमानेंट मैडिकल स्टाफ, हाइजीनिक किचन व बाथरूम।
पूर्व में न्यायालय ने जेल माहानिदेशक व गृह सचिव को निर्देश दिए थे कि वे सभी जेलों का दौरा करें और उसकी रिपोर्ट फोटोग्राफ के साथ न्यायालय में पेश करें। आज उन्होंने शपथपत्र पेश किया, जिस पर न्यायालय संतुष्ट नही हुई। शपथपत्र व फ़ोटो देखने पर न्यायालय के सामने चौकाने वाले तथ्य आए। हरिद्वार जेल की क्षमता 870 वर्तमान कैदी 1400 इनके रहने के लिए 23 बैरक है। यानी प्रति बैरक 65 कैदी। 65 महिला कैदियो के लिए एक बैरक। मेडिकल फेसिलिटी डॉक्टर को फोन कर बुलाया जाता है। खाना लकडियो में बनाया जाता है। सब जेल रुड़की में 200 की क्षमता वर्तमान में 625 कैदी 8 बैरक प्रति बैरक 75 कैदी और 18 महिला कैदी एक बैरक। देहरादून जेल की क्षमता 518 वर्तमान में 1491 कैदी। 26 बैरक प्रति बैरक 54 कैदी। 87 महिला कैदी 2 बैरक। सब जेल हल्द्वानी की क्षमता 535 वर्तमान में 1736 कैदी। 9 बैरक प्रति बैरक 180 कैदी। यहाँ रोटियाँ फर्श पर बनाई जाती है।