ऋषिकेश- परमात्मा की शरण में जाने वाला व्यक्ति सभी सांसारिक बंधनों से मुक्त होता है – महामाया प्रसाद शास्त्री

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश- कथा वाचक महामाया प्रसाद शास्त्री ने कहा कि जो मनुष्य काम क्रोध मोह पर विजय प्राप्त कर लेता है वह सभी बंधनों से मुक्त हो जाता है और परमात्मा को प्राप्त करता है।
शनिवार को पशु लोग विस्थापित में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक आचार्य महामाया प्रसाद शास्त्री ने भक्तों को श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कराया। उन्होंने कहा कि परमात्मा की शरण में जाने वाला व्यक्ति हर बंधन से मुक्त हो जाता है। जिस प्रकार मथुरा में भगवान श्री कृष्ण के जन्म होते ही वसुदेव बंधन मुक्त हो गए। उन्होंने कहा कि संपूर्ण जीवात्मा काम क्रोध मोह के बंधन में बंधा हुआ है। लेकिन परमात्मा की शरण में मनुष्य सभी सांसारिक बंधनों से मुक्त हो जाता है। गोकुल में भगवान श्री कृष्ण ने माखन नहीं चुराया बल्कि माखन चुराकर सभी गोपियों की मनोकामना पूर्ण की। गोकुल की गोपियां अपने घर का माखन दूध दही पापी कंस को दे देते थे जिसके कारण पापी कंस बलशाली होते जा रहा था। भगवान श्री कृष्ण ने उन्हीं के घर का माखन चुरा कर उनके बच्चों को खिलाया। भगवान श्री कृष्ण ने अपने सभी लीलाओं में मनुष्य को एक दूसरे से प्रेम और शब्द मार्ग पर चलने का संदेश दिया है। इस कलयुग में श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही मनुष्य सभी सांसारिक बंधनों से मुक्त होता है। कथा श्रवण करने वालों में प्रताप सिंह तडियाल, यशपाल सिंह, देवेश्वरी राणा, रमेश राणा, संगीता नेगी, महावीर सिंह नेगी, सरला नेगी, बिरोजनी भट्ट, सरला भट्ट, मंजू भट्ट आदि शामिल थे।

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