ऋषिकेश- मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का चिंतन शिविर के बाद तुरंत दिल्ली जाना क्या कहता है

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश – मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केंद्रीय नेतृत्व दिल्ली से बुलावा आने पर ठीक 10 बजे देहरादून से दिल्ली के लिए उड़ान भरी है। आज जितने भी सीएम रावत के कार्यक्रम होने थे उन्हें रद्द कर दिया गया है।
दिल्ली से अचानक सीएम रावत के लिए बुलावा ऐसा माना जा रहा है कि रामनगर में हुए चिंतन शिविर के समाप्त होते ही विधानसभा चुनावों में संगठन की भूमिका पर सीएम से चर्चा की जा सकती है। दूसरे चिंतन शिविर में कोर कमेटी या फिर दूसरे स्थानीय नेताओं से मिले फीड बैक के आधार पर केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री से नई चुनावी रणनीति बनाने पर चर्चा कर सकता है। एक मसला मुख्यमंत्री के उपचुनाव लड़ने का भी है। मुख्यमंत्री अभी तक उत्तराखंड की विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। उन्हें सीएम की शपथ लेने के छह महीने के अंदर किसी भी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर उस पर विजय भी प्राप्त करनी चाहिए। प्रदेश में इस समय दो विधानसभा सीटें खाली हैं, पहली गंगोत्री और दूसरी हल्द्वानी। मुख्यमंत्री को कहां से चुनाव लड़ना है यह फैसला केंद्रीय नेतृत्व के हाथ में होने की बात कहते आ रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व उनसे इस उप चुनाव को लेकर भी सलाह मशविरा कर सकता है। शपथ के बाद छह महीेने की अवधी पूरी होते ही सीएम इस पद पर बैठने की योग्यता खो देंगे इसलिए अब भाजपा इस मामले में गंभीर है।अब तक जो संकेत प्रदेश भाजपा की ओर से मिले हैं उसके मुताबिक रावत को गंगोत्री से चुनाव लड़ाया जा सकता है। हल्द्वानी सीट नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश के निधन से खाली हुई है। लेकिन यहां से सीएम को मैदान में उतारे जाने की संभावनाएं कम ही हैं। अब ऐसे में देखना है यह है कि सीएम रावत को दिल्ली किस वजह से बुलाया गया है यह जो शंका है आज दूर हो जाएगी।