ऋषिकेश- मानव जागृति मंच के अंतर्गत अध्यात्म ,विज्ञान तथा विश्व शांति को लेकर आयोजित तीन दिवसीय सेमिनार का हुआ समापन।

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश – महर्षि अरविंद फाउंडेशन द्वारा आयोजित गंगा किनारे मानव जागृति मंच के अंतर्गत अध्यात्म ,विज्ञान तथा विश्व शांति को लेकर तीन दिवसीय सेमिनार का आज समापन हो गया है । जिसमें मानव जीवन के कल्याण के लिए एक नया रास्ता दिए जाने के प्रयास को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की गई । फाउंडेशन के निदेशक ने बताया कि सेमिनार में देश भर के वैज्ञानिक ,साधु ,संतों ने भी प्रतिभाग किया उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन में आने वाले तनाव से मुक्ति जीवन बेहतर शिक्षा के साथ विश्व में शांति लाने जैसे गंभीर मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए गये। इस दौरान अध्यात्म और विज्ञान के जरिए मानवता के कल्याण पर भी मंथन हुआ ,जिसमें पूरे देश के कल्याण के लिए भी कारगर साबित किए जाने का दावा किया गया ,कि फाउंडेशन के निदेशक अरुण हावड़ा ने कहा कि इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य लोगों को अध्यात्म मार्ग पर चलकर न सिर्फ मानवता का कल्याण किया जाना तथा जातिवाद धर्म हिंसा भेदभाव जैसे ज्वलंत मुद्दों पर सर्च किया जाना है। पर जिस पर अंकुश लगाए जाने के लिए भी मार्गदर्शन किया गया ।उन्होंने कहा कि जब इन सब पर विराम लगेगा ।तभी वसुदेव कुटुंबकम के तौर पर दुनिया को एक नई दिशा दी जा सकती है उन्होंने कहा कि जीवन जीने की कला है ,अध्यात्म आध्यात्मिक को लेकर बुद्धिजीवियों के साथ साधु-संतों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में महामंडलेश्वर अभिषेक चैतन्य गिरी महाराज ने कहा कि जीवन का प्रत्येक क्षेत्र अध्यात्म है ।इसे यूं भी कह सकते हैं ।कि आध्यात्मिक जीने की कला है, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आदमी अनुसंधान अध्यात्म है ।मानव कल्याण में विज्ञान की भूमिका द्वारा ही बताई गई है ।उनका कहना था कि वैदिक संस्कृति ही मानव जीवन की संस्कृति है। यह किसी जाति या पंथ मजहब स्त्री और पुरुष में भेद नहीं करती है । अगला सम्मेलन श्रीलंका में आयोजित किया जाएगा पत्रकार वार्ता में स्वामी सुशांत पूरी भी मौजूद थे।

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