ऋषिकेश- राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने दिए 02 चिनूक और 02 एमआई – 17 हेलिकॉप्टर
त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून _ राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से 02 चिनूक और 02 एमआई – 17 हेलिकॉप्टर, बुधवार तड़के ही जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उपलब्ध करा दिए। सड़क यातायात बहाल करने के लिए चिनूक हेलिकॉप्टर से भारी मशीनरी भी पहुंचाई जा रही है। बचाव अभियान में सेना के 125 अधिकारी और जवान, आईटीबीपी के 83 अधिकारी और जवान भी लगे हुए हैं। इधर, बीआरओ के 06 अधिकारी, 100 से अधिक मजदूरों के साथ बाधित सड़कों को खोलने में जुटे हुए हैं।
हर्षिल, धराली में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। पुलिस, सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन आदि आपदा दल प्रभावित क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्य में जुटें हैं। अभी तक आठ स्थानीय लोग, दो नेपाली मूल के व्यक्ति और नौ आर्मी जवानों के लापता होने की जानकारी प्राप्त हुई है, जिसमें रेस्क्यू टीम द्वारा एक स्थानीय व्यक्ति के शव को बरामद किया गया है।
गंगनानी के पास मार्ग अवरुद्ध होने के कारण जिलाधिकारी उत्तरकाशी, प्रशांत आर्य एवं पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी सरिता डोबाल भटवाड़ी हेलीपैड से हेली के माध्यम से हर्षिल, धराली आपदा प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना हैं। धराली, उत्तरकाशी में आई प्राकृतिक आपदा के लिए राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। देहरादून एयरपोर्ट पर सेना के विमानों और हेलिकॉप्टर ने आवाजाही शुरू कर दी है। वहीं राहत और बचाव कार्य भी शुरू किया गया है। कल पूरे दिन भर और रात में भी मौसम खराब रहा। सुबह भी काफी तेज बारिश हुई। एयरपोर्ट मौसम विभाग ने पिछले 24 घंटों के दौरान 175.2 मिमी बारिश दर्ज की है। दोपहर करीब 12:00 के आसपास तक मौसम साफ होने पर देहरादून एयरपोर्ट पर सेना के तीन विमान और तीन हेलिकॉप्टर देहरादून पहुंचे। इन हेलिकॉप्टरों में चिनूक भी शामिल है। सेना के विमान और हेलिकॉप्टर एयरपोर्ट पर फ्लाइट मूवमेंट के हिसाब से उड़ान भर रहे हैं।
अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश _
उत्तरकाशी में नदी के बढ़ते जल स्तर ने चिंता बढ़ाई हुई है। आस-पास के क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। धराली उत्तरकाशी में सभी सरकारी एजेंसियां, विभाग और सेना आपसी समन्वय से राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं। बीती रात 130 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया है। बंद रास्तों को खोला जा रहा है और प्रभावितों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
