ऋषिकेश- महिलाओं को सजावटी सामान बनाने की दी जा रही ट्रेनिंग, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे कदम

त्रिवेणी न्यूज 24
टिहरी _ सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तमाम योजनाएं चला रही है. जिससे महिलाओं की आर्थिकी मजबूत हो सके। इसी कड़ी में टिहरी बखरियाणा गांव की महिलाएं नेचुरल फाइबर से तमाम सामान बना रही हैं. जिसे मार्केट में लोगों द्वारा खासा पसंद किया जा रहा है। महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों से वो आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रही हैं। महिलाएं पारंपरिक खेती के साथ ही जूट और भीमल के रेशे से बनने वाले उत्पादों का प्रशिक्षण भी ले रही हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण एवं आत्मनिर्भरता हेतु संचालित योजनाएं से महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। जिससे महिलाओं के आर्थिक स्तर को उठाया जा सके।
जिला उद्योग केंद्र नरेंद्रनगर टिहरी गढ़वाल के द्वारा ग्रामीण महिलाओं को स्पेशल कंपोनेंट प्लांट केअंतर्गत दो महीने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ट्रेनर पूर्णिमा पंवार द्वारा ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बखरियाणा गांव की स्वयं सहायता समूह की 20 महिलाएं प्रशिक्षण ले रही हैं। भारत सरकार द्वारा वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के अंतर्गत नेचुरल फाइबर पर आधारित कार्यक्रम को आयोजित किया गया है. स्थानीय महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें नेचुरल फाइबर के रेशे रॉ-मटेरियल के तौर पर दिए जा रहे हैं और महिलाएं सजावटी सामानों का उत्पादन कर रही हैं. सभी स्थानीय महिलाएं जनपद के किसी न किसी समूह से जुड़ी हुई हैं. प्रशिक्षण के बाद महिलाएं आत्मनिर्भर होकर अपना कोई भी व्यवसाय खुद संचालित कर स्वरोजगार कर सकती हैं _
हरीश चंद हटवाल, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र नरेंद्रनगर
प्रशिक्षण के दौरान महिलाएं नेचुरल फाइबर जूट और भीमल के रेशे से कई सजावटी सामान बना रही है. सजावटी सामान में पायदान, टोकरी, चप्पल, डोंगा, फ्लावर पॉट बनाया जा रहा है और महिलाएं रोजाना 300 रुपए की आय अर्जित रही हैं. जानवी स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष विनीता देवी ने बताया कि उद्योग विभाग द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण से महिलाएं जूट और भीमल के रेशे से बने उत्पाद को बनाना सिखाया जा रहा है. केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण एवं आत्मनिर्भरता के लिए चलाई जा रही हैं. कल्याणकारी योजनाएं ग्रामीण महिलाओं की आर्थिकी मजबूत कर रही है।