ऋषिकेश-अश्वनी बत्रा की आंखें निधन के बाद भी करेंगे दो जिंदगियों को रोशन

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश -अश्वनी बत्रा जाते जाते दो लोगों के जीवन का अंधकार दूर कर गए। लुडिंदा मंडी ऋषिकेश निवासी 45 वर्षीय अश्विनी बत्रा छत से अकस्मात गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिनका शनिवार सायं निधन हो गया। उनके निधन का समाचार मिलते ही पास- पड़ोस में हाहाकार मच गया जिसको भी यह दुखद खबर मिली वह उनके निवास पर दौड़ पड़ा। ऐसे विकट समय में भी उनके पारिवारिक परिचित रवि अरोड़ा ने उनकी पत्नी मोना बत्रा से स्वर्गीय अश्विनी बत्रा के नेत्रदान कराने की अपील की। अपने असीम दुःख को अपने सीने में दबाकर बत्रा ने अपने पति के नेत्रदान कराने का निर्णय लिया। तत्काल इसकी सूचना दृष्टिदुत राकेश रावल के माध्यम से नेत्रदान कार्यकर्ता व लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के चार्टर अध्यक्ष गोपाल नारंग को दी। अश्वनी बत्रा के दुखद निधन के समाचार से नारंग भी अवाक रह गए मगर अपने कर्तव्य को निभाते हुए उन्होंने तत्काल इस कार्य को करने की ठानी व नेत्रदान का कार्य कराया। उनके निवास पर पहुंचे हर व्यक्ति की आंखें जहां इस दुखद समाचार से गमगीन थी वही बत्रा के द्वारा लिए गए नेत्रदान के निर्णय को हर कोई सराह रहा था। दो छोटे-छोटे बच्चों को अकस्मात छोड़ जाने वाले अश्विनी बत्रा आज नेत्रदान के माध्यम से अमर हो गए हैं। नेत्रदान के इस पुनीत कार्य की गोवर्धन चावला, राजेश अरोरा, राजेश रावल, खेम कर्ण डंग, नंद किशोर,श्रीराम अरोड़ा, दिनेश कुमार , हर्ष अरोरा ने सराहना की है। नेत्रदान महादान हरिद्वार-ऋषिकेश प्रमुख रामशरण चावला के अनुसार मिशन का 216 सफल प्रयास है।

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