ऋषिकेश- चार धाम से जुड़े किसी भी व्यक्ति का अहित नहीं होने देगा देवस्थानम बोर्ड उच्च समिति – मनोहर कांत ध्यानी

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश – चार धाम से जुड़े मामलों को लेकर देवस्थानम बोर्ड उच्च समिति का गठन किया गया है। समिति चार धाम से जुड़े किसी भी व्यक्ति का अहित नहीं होने देगा सभी के विचारों को सुनने के बाद जनहित मैं निर्णय लेगा।
शुक्रवार को देवस्थानम बोर्ड उच्च समिति कार्यालय उद्घाटन हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व राज्य सभा सांसद मनोहर कांत ध्यानी ने किया। इस मौके पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि इस बोर्ड का कार्य सभी के विचारों को सुनने के बाद समस्याओं का समाधान करना है।
देवस्थानम बोर्ड स्थानीय समस्याओं के समाधान के साथ ही चारों धामों की धार्मिकता सामाजिकता को बनाए रखने के अतिरिक्त इन धामों में आने वाले यात्रियों को सुख सुविधा उपलब्ध करवाएं जाने के लिए गठित किया गया है। लेकिन कुछ लोग अपने कर्तव्य को भूल कर यात्रियों की आस्थाओं से विमुख होकर आर्थिक लाभ के लिए अपनी नैतिकता को भूल गए हैं।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि धार्मिक मामलों में यदि राजनीति प्रवेश करेगी, तो उसके दुष्परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि बोर्ड का गठन 1941 में चारों धामों के विकास को लेकर किया गया था। इस पर सभी को विश्वास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 1968 में बद्रीनाथ के लिए मास्टर प्लान लागू किया गया था। जिसके बनने के बाद किन्ही कारणों से वह लागू नहीं किया गया था। अब उस पर सरकार द्वारा बद्रीनाथ जाने वाले यात्रियों की आस्था को बनाए रखने के साथ विकास किया जाना भी है। इसमें कुछ लोगों के मकान व दुकान आड़े आ रहे हैं, जिसके भय के कारण
यह विरोध किया जा रहा है। लेकिन राज्य सरकार द्वारा गठित देवस्थानम बोर्ड में सभी की भावनाओं को समाहित करते हुए उनके हक हकूकों पर किसी भी प्रकार का डाका नहीं डाला जाएगा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कुछ लोग वहां रहकर रोजी-रोटी जरूर कमा रहे हैं लेकिन वह वहां के हक हकूक धारी नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका हक सिर्फ तप्त कुंड तक ही सीमित है। जहां 600 वर्ष पहले मंदिर की स्थापना की गई थी। जहां उन लोगों का कार्य मात्र यात्रा पर आने वाले यात्रियों की सेवा करना है। इस अवसर पर उच्च स्तरीय समिति अध्यक्ष के निजी सचिव वीरेंद्र उनियाल, पीआरओ नरेंद्र शर्मा, मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, हरीश गौड़ आदि मौजूद थे।

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