ऋषिकेश स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने गुरु गोविंद सिंह जी के निर्वाण दिवस पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

त्रिवेणी न्यूज 24 –
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने सिख धर्म के 10 वें गुरू गोबिंद सिंह के निर्वाण दिवस पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है उन्होंने कहा कि गुरू गोबिंद सिंह ने प्रेम, ज्ञान, सदाचारी और सत्यनिष्ठ होने का संदेश दिया।
हर क्षण प्रभुनाम का सुमिरण करना, अपने आध्यात्मिक एवं लौकिक दायित्वों के बीच संतुलन बनाए रखते हुए सदाचारी एवं सत्यनिष्ठ जीवन जीने की शिक्षा गुरू गोबिंद सिंह ने दी।
गुरु गोबिन्द सिंह जी सिखों के दसवें गुरु थे। वह एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक व्यक्तित्व के धनी थे। सन १६९९ में बैसाखी के दिन उन्होने खालसा पंथ की स्थापना की जो सिखों के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। गुरू गोबिन्द सिंह ने सिखों के पवित्र ग्रन्थ गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु रूप में सुशोभित किया।
गुरु गोबिंद सिंह के नेतृत्व में सिख समुदाय के इतिहास में जागृति और नई ऊर्जा का समावेश किया। वर्तमान समय में पूरे मानव समुदाय को विशेष रूप से युवाओं को देशभक्ति, पर्यावरण की सुरक्षा और नव जागृति के लिए कार्य करने की जरूरत है।