ऋषिकेश-पांचवें नवरात्र में होती हैं पुरुषार्थ से जीवन जीने की प्रेरणा प्राप्त

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश _ आज नवरात्रि के पंचम दिवस में मां भगवती की स्कंदमाता के स्वरूप में पूजा होती हैं,आचार्य डॉo जनार्दन प्रसाद कैरवान ने बताया की पांचवें नवरात्र में पुरुषार्थ से जीवन जीने की प्रेरणा प्राप्त होती है। निरंतर अपने कर्म में संलग्न रहने वाला ही जीवन में ऊंचाइयों को प्राप्त करता है,व प्रत्येक ऐच्छिक वस्तु उसे प्राप्त हो जाती है। स्कन्द कार्तिकेय जी का दूसरा नाम है। कार्तिकेय जी को पुरुषार्थ का स्वरूप बताया गया है। माँ स्कंदमाता का स्वरूप कल्याणकारी एवं अति प्रेरणा दायक है। नवरात्र के पंचम दिवस में माँ स्कन्दमाता की आराधना की जाती है। माँ हिंसक सिंह पर सवार रहती हैं, इसका अर्थ यह है कि उन्होनें चुनौतियों से कभी भी मुख नहीं मोड़ा अपितु उन्हें स्वीकार किया है, चुनौतियाँ बाहुबल के दम पर नहीं अपितु आत्मबल के दम पर जीती जाती हैं। और आत्म बल हमेशा शक्ति की उपासना से प्राप्त होगा है,
आज के दिन मां की हरियाली के दर्शन भी प्राप्त होते हैं,जिसको सम्पुट खुलना भी होता है,ये उस आद्य शक्ति का ही स्वरूप माना जाता हैं,जो नवरात्रों का प्रसाद माना जाता है।

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