ऋषिकेश- डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल को मिली शिक्षा विभाग में सहायक निदेशक पद की जिम्मेदारी

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश-राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज आईडीपीएल के संस्कृत प्रवक्ता डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल को शिक्षा विभाग में अधिकारी बना दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉ. घिल्डियाल को 7 जनवरी 2021 को उत्तराखंड शासन ने वर्तमान शैक्षणिक संवर्ग से प्रशासनिक संवर्ग मे सेवा स्थानांतरण हेतु उन्हें एनओसी प्रदान कर दी थी। लेकिन वित्त एवं कार्मिक विभाग द्वारा विधिवत अनुमति न मिलने की वजह से शासन उनकी पोस्टिंग नहीं कर पा रहा था। लंबे विचार-विमर्श के बाद उत्तराखंड शासन ने आज उन्हें संस्कृत शिक्षा विभाग में सहायक निदेशक पद पर सेवा स्थानांतरण दे दिया है। उन्हें विशेष रूप से जनपद देहरादून की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
उत्तराखंड राज्य बनने के बाद शिक्षा विभाग में विशेष अधीनस्थ शिक्षा सेवा के तहत राज्य लोक सेवा आयोग से प्रवक्ता संस्कृत के पद पर चयनित होकर राजकीय इंटर कॉलेज आईडीपीएल में कार्यभार ग्रहण किया। वहां पर उत्कृष्ट अध्यापन के साथ कई शैक्षिक और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहने की वजह से उन्हें वर्ष 2015 में माध्यमिक शिक्षा से राज्य के “प्रथम गवर्नर अवार्ड ” से सम्मानित किया गया, ज्योतिष में उनकी सटीक भविष्यवाणियों की वजह से वर्ष 2016 में हरीश रावत सरकार ने उन्हें “उत्तराखंड ज्योतिष रत्न “की उपाधि से सम्मानित किया। तथा वर्ष 2017 में त्रिवेंद्र रावत सरकार ने “उत्तराखंड संस्कृत गौरव” एवं” ज्योतिष विभूषण” जैसी उपाधियों से विभूषित किया। ज्योतिष शास्त्र के विद्वान के रूप में उनकी प्रतिष्ठा आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चरम सीमा पर है। डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल जैसे अनुशासित, विद्वान, प्रतिष्ठित एवं कुशल प्रशासक प्रवक्ता को प्रशासनिक संवर्ग में लाकर उत्तराखंड सरकार ने सुशासन के सूत्रधार अधिकारियों की संख्या में बढ़ोतरी कर दी है। इसलिए आज उनका आदेश होते ही पूरे शिक्षा जगत में हर्ष की लहर दौड़ गई। राज्य के तमाम शिक्षाविदों, समाजसेवियों, राजनीतिज्ञों ,प्रशासनिक अधिकारियों सहित शिक्षक एवं कर्मचारियों ने हर्ष व्यक्त किया है।
देखना यह होगा कि जहां संस्कृत शिक्षा में शिक्षकों से लेकर शिक्षणेत्तर कर्मचारियों तक बड़ी संख्या में पद रिक्त चल रहे हैं और जहां पर सरकारी के बजाय गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं की अधिकता है ऐसे में डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल सरकार के सबका साथ सबका विकास नारे को किस प्रकार सार्थक सिद्ध कर अपनी क्षमता को प्रदर्शित करते हैं।