ऋषिकेश- एम्स ने किया आधुनिक लेवल-वन ट्रामा सेंटर स्थापित।

त्रिवेणी न्यूज 24 ऋषिकेश -अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में लेवल-वन ट्रॉमा सेंटर स्थापित कर एक नया आधुनिक ट्राॅमा चिकित्सा विभाग का विधिवत संचालन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत संस्थान के ट्रॉमा विशेषज्ञों ने एक चोटिल मरीज के उपचार के दौरान बेहद उपयोगी साबित होने वाला एक नया साइन दिया है। उपयुक्त साइन को अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जरनल ट्रॉमा ने प्रकाशित कर इसकी उपयोगिता एवं नवीनता पर अपनी मुहर लगाई है।
एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए चिकित्सकीय टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एवं समीपवर्ती इलाकों में विश्वस्तरीय ट्राॅमा एवं इमरजेंसी सुविधाएं देने के लिए एम्स ऋषिकेश प्रतिबद्ध है एवं निरंतर प्रयास कर नवीनतम टेक्नालॉजी का अधिग्रहण कर मरीजों की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रहा है।
“फास्ट रिवर्सल साइन” के नाम से प्रकाशित इस साइन को विकसित किए जाने से यूरिनरी ब्लैडर (पेशाब की थैली) फटने के केस में उचित समय पर दूरबीन विधि से ऑपरेशन का प्रयोग कर मरीजों को चीरे वाली सर्जरी से बचाया जा सकेगा। जनरल सर्जरी विभाग की प्रशिक्षु चिकित्सक डा. जेन चिनाट ने बताया कि अधिकतम मरीज पेट में चोट लगने के कारण जांच एवं उपचार के लिए आते हैं। इनमें से कुछ मरीजों में पेट पर पड़े अधिक दबाव या कूल्हे के फ्रैक्चर के कारण पेशाब की थैली का फटना पाया जाता है I अक्सर ऐसे मरीजों में पेट में पेशाब का स्राव का पता अल्ट्रासाउंड से लगाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि ऐसे मरीज के इलाज के दौरान डाली गई पेशाब की नलकी से अल्ट्रासाउंड द्वारा डिटेक्ट किया गया खून अथवा पेशाब शरीर से निकल जाता है। जिसकी वजह से कुछ देर बाद दोबारा अल्ट्रासाउंड में पेट में कोई खून या पेशाब नहीं पाया जाता। डा. जेन ने बताया कि फास्ट रिवर्सल साइन पेशाब की थैली फटने की दशा में अत्यधिक उपयुक्त है एवं उचित समय पर पता लगने से इसका उपचार दूरबीन विधि के ऑपरेशन द्वारा सफलतापूर्वक किया जा सकता है। जबकि संदेह न होने की स्थिति में अक्सर चीरे वाला ऑपरेशन करके सर्जन चोट लगे ऑर्गन का पता लगाकर उसे रिपेयर करते हैं।