ऋषिकेश- पिछले कुछ सालों में माइक्रो इंडस्ट्रीज सेक्टर में उत्तराखंड ने लगाई लंबी छलांग

त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून _ पिछले कुछ सालों में माइक्रो इंडस्ट्रीज सेक्टर में उत्तराखंड ने लंबी छलांग लगाई है। आज उत्तराखंड में 3.15 लाख से ज्यादा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) यूनिट रजिस्टर्ड हो चुके हैं. इससे करीब 20 लाख लोग रोजगार से जुड़े हैं. ऐसे में उत्तराखंड अब नौकरी से स्वरोजगार की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। बता दें कि 27 जून को विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस मनाया जाता है। जिसका मकसद पूरे दुनिया भर में छोटे इंडस्ट्रियल कारोबारी को एक साथ जोड़ना और उन्हें आगे बढ़ना है. एमएसएमई सेक्टर आज देश की इकोनॉमी सेक्टर में बड़ा रोल निभा रहा है. एमएसएमई (MSME) का भारत की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 फीसदी से ज्यादा का योगदान है. एमएसएमई देश में मेन्यूफेक्चरिंग, सर्विस और ट्रेड के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उत्तराखंड में एमएसएमई की भूमिका की बात की जाए तो आज उत्तराखंड माइक्रो एंड स्मॉल इंडस्ट्री सेक्टर में बेहतर कार्य कर रहा है। उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है, जिसकी भौगोलिक परिस्थितियां और सीमित संसाधन कभी-कभी विकास के मार्ग में बाधा बनते हैं, लेकिन इन्हीं परिस्थितियों के बीच एमएसएमई सेक्टर ने राज्य की आर्थिक आत्मनिर्भरता की मजबूत नींव रखी है। उत्तराखंड इंडस्ट्रियल एसोसिएशनकेजनरल सेक्रेटरी अनिल गोयल का कहना है कि आज एमएसएमई वर्ल्ड इकोनॉमी, नेशनल इकोनॉमी और स्टेट इकोनॉमी में रेवेन्यू मॉडल, रोजगार का एक बेहतरीन उदाहरण है. उन्होंने उत्तराखंड के परिपेक्ष में एमएसएमई सेक्टर के बारे में भी जानकारी भी दी।
*उत्तराखंड में सवा 3 लाख एमएसएमई यूनिट रजिस्टर्ड हैं. जबकि, धरातल पर इनकी संख्या इससे भी ज्यादा है, जो लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करती है. एमएसएमई सेक्टर आज प्रदेश में 20 लाख से ज्यादा रोजगार सृजन कर रहा है. इसमें खासकर कृषि आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प, हर्बल उत्पाद, पर्यटन से जुड़े उद्यम और प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित उद्योग शामिल हैं. जो उत्तराखंड के एमएसएमई सेक्टर की प्रमुख पहचान है – अनिल गोयल, जनरल सेक्रेटरी उत्तराखंड इंडस्ट्रियल एसोसिएशन

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